यूबीएस ने भारत की जीडीपी की दर घटाई, 7 फीसदी का अनुमान 

मुंबई- हाल ही में विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के भारत की ग्रोथ रेट को घटाने के बाद अब इंवेस्टमेंट बैंक यूबीएस ने भी अपने अनुमान को संशोधित करते हुए कम कर दिया है। यूबीएस ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अपने जीडीपी ग्रोथ अनुमान को सात फीसदी कर दिया है। इसके लिए रिपोर्ट में बढ़ती महंगाई को जिम्मेदार ठहराया गया है।  

यूबीएस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि महंगाई लगातार बढ़ रही है और यह जारी रहने की संभावना है। इसके चलते मांग में गिरावट देखने को मिलेगी, जो अर्थव्यवस्था की रफ्तार को प्रभावित करेगी। इसके साथ ही बैंक ने अनुमान जाहिर किया है कि भारतीय रिजर्व बैंक जून माह से नीतिगत दरों में बढ़ोतरी शुरू कर सकता है।  

गौरतलब है कि इससे पहले जताए गए अनुमान में यूएसबी ने भारत की आर्थिक वृद्धि 7.7 फीसदी की दर से होने की संभावना जताई थी। यानी इसमें 70 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई है। यूबीएस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वित्त वर्ष 2023 के बाद भारत की सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि छह फीसदी प्रति वर्ष की दर से होगी। 

गौरतलब है कि आईएमएफ ने 2022 में भारत की विकास दर के अनुमान को घटाकर 8.2 फीसदी कर दिया है। 2021 में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 8.9 फीसदी रही थी। हालांकि, राहत भरी बात से है कि मामूली गिरावट के बाद भी भारत का ग्रोथ रेट अनुमान चीन और अमेरिका से कहीं ज्यादा है। चीन के लिए ग्रोथ अनुमान 4.4 फीसदी है यानी भारत की आर्थिक वृद्धि दर चीन से दोगुनी रहेगी। चीन की वृद्धि दर 2021 में 8.1 प्रतिशत रही थी। इसके अलावा अमेरिका की वृद्धि दर 2022 में 3.7 प्रतिशत और 2023 में 2.3 प्रतिशत रहने की संभावना जताई गई है। 

देश में महंगाई की स्थिति पर नजर डालें तो आंकड़ों के मुताबिक, मार्च महीने में खुदरा महंगाई का स्तर 6.95 फीसदी पर पहुंच गया, जो कि 17 महीने में सबसे ज्यादा उच्च स्तर है। इससे पिछले महीने फरवरी में खुदरा महंगाई 6.07 फीसदी की दर से बढ़ी थी। मार्च महीने में थोक महंगाई दर 14.55 फीसदी के स्तर पर पहुंच चुकी है।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *