NSE की CEO चित्रा की गिरफ्तारी तय, कोर्ट ने सेबी, सीबीआई को फटकारा  

मुंबई-नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramkrishna) से ‘को-लोकेशन’ घोटाले मामले में एक मनोवैज्ञानिक ने पूछताछ की है। उनकी गिरफ्तारी तय हो सकती है।  

बता दें कि ‘को-लोकेशन’ घोटाले मामले (NSE Co-location Case) की जांच सीबीआई कर रही है। उधर, इस मामले में कोर्ट ने सेबी, सीबीआई सहित सभी को फटकार लगाई है। माना जा रहा कि सेबी के भी कुछ अधिकारी गिरफ्तार किए जा सकते हैं।  

अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी CBI ने चित्रा से तीन दिन तक पूछताछ की लेकिन इस दौरान उन्होंने कथित तौर पर सवालों का सही से जवाब नहीं दिया। इसके बाद एजेंसी ने सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लैब (CFSL) के एक सीनियर मनोवैज्ञानिक की सेवाएं ली, जिससे वास्तविक तथ्यों का पता लगाया जा सके। 

CBI ने चित्रा रामकृष्ण की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान सीबीआई की एक स्पेशल कोर्ट में पूछताछ के लिए मनोवैज्ञानिक की सेवाएं लेने की जानकारी दी। CFSL, सीबीआई के कंट्रोल वाली एक फॉरेंसिक लैब है। एजेंसी ने कोर्ट को बताया, “CFSL के सीनियर फॉरेंसिक मनोवैज्ञानिक ने पाया कि चित्रा रामकृष्ण अपने जवाबों में टालमटोल कर रही हैं। वह हमेशा यह कहती रहीं कि इस बारे में जानकारी उनके नीचे पदों पर काम करने वाले कर्मचारियों के पास है। 

इससे पहले सेबी की एक रिपोर्ट में सामने आया था कि चित्रा रामकृष्ण सालों तक एक रहस्यमयी “योगी” के इशारे पर एक्सचेंज को चलाती रहीं। सेबी की रिपोर्ट में कुछ नए तथ्यों के उजागर होने के बाद सीबीआई ने को-लोकेशन मामले के जांच का दायरा बढ़ाया और बीते 25 फरवरी को NSE के ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (GOO) आनंद सुब्रमण्यण को गिरफ्तार कर लिया था। 

इस बीच चित्रा रामकृष्ण ने गिरफ्तारी से बचने के लिए कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की, जिसे शनिवार को अदालत ने खारिज कर दिया। इससे पहले फॉरेंसिक ऑडिट में आनंद सुब्रमण्यण को ही रहस्यमयी “योगी” बताया गया था। हालांकि सेबी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में इस दावे को खारिज कर दिया था। चित्रा रामकृष्ण 2013 में NSE की सीईओ बनी थीं। उन्होंने बाद में सुब्रमण्यम को अपना सलाहकार नियुक्त किया था, जिन्हें बाद में 4.21 करोड़ रुपए सालाना के मोटे सैलरी पैकज पर GOO के रूप में प्रमोट किया गया था। 

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