अब चेयरमैन और एमडी के पद अलग नहीं होंगे, कंपनियों की मर्जी से होगा फैसला   

मुंबई- स्टॉक और कमोडिटी मार्केट रेगुलेटर सेबी ने चेयरमैन और एमडी/सीईओ पद को अलग-अलग करने की अनिवार्यता खत्म कर दी है। सेबी ने इसे अनिवार्य से स्वैच्छिक बना दिया है।  

इसका मतलब है कि शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनी अगर चाहे तो वह चेयरमैन और एमडी/सीईओ के पर किसी एक ही व्यक्ति को नियुक्त कर सकती है। इससे पहले सेबी ने चेयरमैन और एमडी/सीईओ के पद को अलग-अलग करने को अनिवार्य बना दिया था। यह नियम सबसे बड़ी 500 कंपनियों के लिए 1 अप्रैल, 2022 से लागू होने वाला था।  

सेबी ने मंगलवार को इस नियम में बदलाव के प्रस्ताव पर विचार करने के बाद उसे मंजूरी दे दी। सेबी के बोर्ड ने कहा है कि 31 दिसंबर, 2021 को कंप्लायंस लेवल 54 फीसदी पहुंच गया है। इस स्थिति में इस प्रावधान को अनिवार्य नहीं बनाया जा सकता। इसलिए इसे शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों के लिए स्वैच्छिक बनाया जा रहा है। 

सेबी ने जून 2017 में कॉर्पोरेट गवर्नेंस पर एक कमेटी बनाई थी। कोटक महिद्रा के प्रमुख उदय कोटक इस कमेटी के चेयरमैन थे। इस कमेटी ने लिस्टेड कंपनियों में चेयरमैन और एमडी या सीईओ के पद को अलग-अलग करने की सिफारिश की थी। कमेटी का मानना था कि इस बदलाव से गवर्नेंस का स्ट्रक्चर ज्यादा बैलेंस हो जाएगा। 

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