LIC IPO से पॉलिसीधारकों को होगा भारी घाटा, जानिए कैसे   

मुंबई- LIC के IPO से सरकार को भले ही फायदा हो, लेकिन इससे किसी को खासा नुकसान हुआ है। ये निगम के “पार्टिसिपेटिंग पॉलिसीज” (participating policies) के पॉलिसीहोल्डर्स हैं। पार्टिसिपेटिंग पॉलिसीहोल्डर्स कंपनी के मुनाफे के शेयर के लिए हकदार हैं।  

दरअसल, LIC अपने कैश सरप्लस का एक बड़ा हिस्सा पॉलिसीधारकों को बोनस के रूप में देती रही है, जो आगे घटता जाएगा। LIC ने रविवार को फाइल ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस में कहा कि 30 सितंबर, 2021 को समाप्त छमाही तक LIC के पार्टिसिपेटिंग फंड के सरप्लस को पॉलिसीहोल्डर्स और शेयरहोल्डर्स के बीच 95:5 के अनुपात में आवंटित किया जाता था, लेकिन यह अनुपात आगे बदल जाएगा।  

ड्राफ्ट पेपर के मुताबिक, “निगम की स्वीकृत सरप्लस वितरण नीति के क्रम में, पार्टिसिपेटिंग फंड से जुड़ा सरप्लस पॉलिसीहोल्डर्स और शेयरहोल्डर्स के बीच वित्त वर्ष 2022 में 95:5 के अनुपात में, वित्त वर्ष 2023 और 2024 में 92.5:7 के अनुपात में और वित्त वर्ष 2025 से 90:10 के अनुपात में आवंटित किया जाएगा। 

मूल LIC Act के मुताबिक, LIC को हर साल होने वाले मुनाफे का 95 फीसदी बोनस के रूप में पार्टिसिपेटिंग पॉलिसीहोल्डर्स को वितरित किया जाना चाहिए। हालांकि 2011 में इस एक्ट में हुए संशोधन के मुताबिक, LIC को पॉलिसीहोल्डर्स फंड (चाहे किसी भी बिजनेस से सरप्लस जेनरेट हो रहा हो) के सरप्लस का कम से कम 90 फीसदी वितरित करने की जरूरत है, जो शेयरहोल्डर्स को डिविडेंड देने से पहले पार्टिसिपेटिंग पॉलिसीज को बोनस के रूप में दिया जाना चाहिए।  

इस प्रकार 2012 और 2021 के बीच शेयरहोल्डर्स सभी बिजनेस से मिलने वाले सरप्लस के अधिकतम 10 फीसदी के हकदार थे। हालांकि, LIC अपनी पुरानी वितरण नीति के तहत शेयरहोल्डर्स को सरप्लस का 5 फीसदी ही देती रही। नई वितरण नीति का मतलब है कि पार्टिसिपेटिंग पॉलिसीहोल्डर्स को दिया जाने वाला कैश सरप्लस का पूल आगे घटता जाएगा।  

ऐसा सिर्फ नए सरप्लस वितरण अनुपात की वजह से नहीं, बल्कि निगम के कंसॉलिडेटेड फंड के पार्टिसिपेटिंग पॉलिसीहोल्डर्स और नॉन पार्टिसिपेटिंग पॉलिसी फंड्स के बीच बंटने की वजह से भी है। पार्टिसिपेटिंग पॉलिसीहोल्डर्स को अब सिर्फ उनसे संबंधित फंड में मुनाफे के पूल का लाभ मिलेगा, पूरे पूल का नहीं जैसा कि अभी तक होता रहा है। 

इसके विपरीत शेयरहोल्डर्स जैसे सरकार और ऑफर फॉर सेल पूरा होने के बाद नए शेयरधारकों को पॉलिसीहोल्डर्स फंड की तुलना में पूरे सरप्लस का लाभ मिलेगा। 

इसी का असर था कि सितंबर, 2021 में LIC की एम्बेडेड वैल्यू लगभग 5 गुना बढ़कर 5,39,686 करोड़ रुपए हो गई, जो मार्च, 2021 तक 95,605 करोड़ रुपए थी। इसके चलते इसी अवधि के दौरान भविष्य के मुनाफे का वैल्यू 1.05 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 5.47 लाख करोड़ रुपए हो गया। 

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