टैक्स प्रस्ताव के बाद क्रिप्टो के तेजी से बढ़ रहे हैं ग्राहक
मुंबई- भारत में क्रिप्टो प्लेटफॉर्म पर बजट के दिन ग्राहकों के साइनप में 30-50% की बढ़ोत्तरी देखी गई है। दरअसल वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में क्रिप्टो से होने वाली कमाई पर 30% का सीधा टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया था। इससे यह माना जा रहा है कि भारत में क्रिप्टो का कारोबार लीगल हो जाएगा। क्रिप्टो के निवेशक और एक्सचेंज अभी भी प्रस्ताव के फाइन प्रिंट के इंतजार में हैं।
क्रिप्टोकरेंसी पर बजट में टैक्स का फैसला होने के बाद इसके ग्राहकों में तेजी से बढ़त आई है। एक फरवरी के बाद से ज्यादा यूजर्स इसके आ रहे हैं। हालांकि इसमें अभी काफी कुछ मामला रिजर्व बैंक के पास भी है। रिजर्व बैंक अपनी मॉनिटरी पॉलिसी के फैसले की घोषणा 10 फरवरी को करेगा।
पिछले एक महीने में बिटकॉइन की कीमत 20.86% गिरी है जबकि 3 महीने में यह 40% से ज्यादा गिरी है। एथरियम की कीमत इसी दौरान 29% और 40% जबकि मैटिक की कीमत में 38% और 18% की गिरावट आई है।
लाइटकॉइन की कीमत में एक महीने में 28% और 3 महीने में 44% की गिरावट आई है। लूना की कीमत एक महीने में 46% और 3 महीने में 10% गिरी है। डॉजकॉइन का भाव इसी दौरान 20% और 49% जबकि कार्डाना का दाम 25% और 46% गिरा है।
वित्तमंत्री ने कहा था कि क्रिप्टो से किसी भी तरह की कमाई पर सीधे 30% टैक्स लगेगा। इसमें किसी भी तरह की रियायत भी नहीं दी जाएगी। साथ ही अगर किसी को क्रिप्टो गिफ्ट में भी दिया जाएगा, तो भी यही टैक्स लगाया जाएगा। इंडस्ट्री के अधिकारियों का कहना है कि बजट में इस पर घोषणा से निवेशकों की दिलचस्पी इसमें बढ़ रही है।
बजट के बाद यह तय हो गया है कि इसमें ढेर सारे कानून लागू होंगे। मसलन इससे होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा, जो किसी भी असेट्स की तुलना में सबसे ज्यादा है। शेयर बाजार से कमाई पर 10-15% टैक्स लगता है। जबकि सोने, प्रॉपर्टी की कमाई पर 20% टैक्स लगता है।
इस पर किसी भी टैक्स की सीमा के तहत कोई छूट नहीं मिलेगी। यानी आपने 100 रुपए भी कमाई की तो 30 रुपए का ही टैक्स आपको देना होगा। प्रॉपर्टी, सोना और डेट फंड्स को 2-3 साल से ज्यादा समय तक रखने पर टैक्स का फायदा मिलता है। लेकिन क्रिप्टो में ऐसा कुछ नहीं है। आप आज बेचिए या 10 साल बाद, 30% का टैक्स आपको देना होगा।
इसी तरह से अगर आपको क्रिप्टो से घाटा होता है तो आप इसे सेटऑफ नहीं कर सकते हैं। यानी किसी और कमाई में इसे शामिल नहीं कर सकते हैं। इसके अलावा इसके घाटे को अगले साल में आप नहीं ले जा सकते हैं। इसका सीधा अर्थ यह है कि कमाई पर सरकार आप से 30% लेगी, लेकिन इसका 100% घाटा आपका होगा।