क्लेम सेटलमेंट में LIC तीसरे नंबर पर, 98 पर्सेंट रहा अनुपात
मुंबई- बीमा क्लेम सेटलमेंट के मामले में LIC तीसरे नंबर पर रही। वित्तवर्ष 2020-21 के दौरान जीवन बीमा कंपनियों ने 90% से ज्यादा क्लेम सेटलमेंट किया है। IRDAI ने सभी बीमा कंपनियों को जीवन बीमा क्लेम्स को जल्द से जल्द निपटाने की सलाह दी है।
भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का क्लेम सेटलमेंट अनुपात 31 मार्च, 2021 को 98.62% था। 31 मार्च, 2020 में यह 96.69% रहा। 2020-21 में अस्वीकार किए गए क्लेम्स का अनुपात 1.09% से घटकर 1.0% हो गया। निजी बीमा कंपनियों का क्लेम सेटलमेंट अनुपात 2020-21 के दौरान 97.02% (2019-20 के दौरान 97.18%) था और वर्ष 2020-21 में रिजेक्ट अनुपात 2.50% से घटकर 2% हो गया।
भारतीय बीमा नियामक और विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने 2020-21 की वार्षिक रिपोर्ट जारी की है। इसके अनुसार व्यक्तिगत जीवन बीमा के मामले कुल 11.01 लाख क्लेम्स कंपनियों को मिले थे। इसमें से जीवन बीमा कंपनियों ने 10.84 लाख क्लेम्स का पेमेंट किया। जिसकी कुल रकम 26,422 करोड़ रुपए थी। 3,032 क्लेम को खारिज कर दिया गया। इसकी रकम 60 करोड़ रुपए थी। वर्ष के अंत में लंबित क्लेम्स 3,055 थे। इनकी राशि कुल 623 करोड़ रुपए थी।
IRDAI की वार्षिक रिपोर्ट में कहा गया है कि लाइफ इंश्योरेंस इंडस्ट्री का सेटलमेंट रेशियो 2020-21 में बढ़कर 98.39% हो गया। 2019-20 में 96.76% और रिजेक्शन अनुपात 1.28% से घटकर 1.14% हो गया। अस्वीकृत किए गए क्लेम्स इस पर आधारित थे कि बीमा कंपनी को कितने क्लेम्स अमान्य मिले और कितने मामलों में क्लेम की गई रकम का पेमेंट नहीं किया गया।
बीमा पॉलिसी खरीदते समय जीवन बीमा कंपनी का क्लेम सेटलमेंट अनुपात एक महत्वपूर्ण फैक्टर होता है। क्लेम सेटलमेंट अनुपात एक पैमाना है। इसका उपयोग जीवन बीमा क्लेम्स के प्रतिशत को मापने के लिए किया जाता है कि एक बीमा कंपनी ने लंबित क्लेम्स सहित कितने क्लेम्स का सेटलमेंट किया है।
यह सेटलमेंट अनुपात बताता है कि बीमा कंपनियों ने प्रत्येक 100 में से कितने क्लेम्स का पेमेंट किया है। यदि क्लेम सेटलमेंट रेशियो 90% है तो यह दर्शाता है कि बीमा कंपनी ने निर्धारित समय के भीतर 100 में से 90 क्लेम्स का पेमेंट किया और अन्य 10 क्लेम्स का पेमेंट नहीं किया। एक अच्छी बीमा कंपनी को न केवल सभी योग्य क्लेम्स का सम्मान करना चाहिए, बल्कि उन्हें जल्द से जल्द उनका निपटान भी करना चाहिए।