चीन की रियल्टी कंपनी एवरग्रांडे ने किया डिफॉल्ट, 300 अरब डॉलर का है कर्ज
मुंबई- चीन की दूसरी सबसे बड़ी रियल्टी कंपनी एवरग्रांडे (Evergrande) डिफॉल्ट हो गई। चीन सरकार को यह डर है कि इसकी चपेट में कई और सारी कंपनियां ना आ जाएं। एवग्रांडे ने 3 दिसंबर को एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि यह अपने रिस्ट्रक्चरिंग प्लान के तहत ऑफशोर क्रेडिट देने वालों के साथ एक्टिवली इंगेज होगा।
एवरग्रांडे का ज्यादातर कर्ज मेनलैंड चाइना में है, लेकिन कंपनी के पास अंतरराष्ट्रीय बॉंड में करीब 20 अरब डॉलर है। हाल के महीने में एवरग्रांडे ने ग्रेस पीरियड खत्म होने से कुछ समय पहले डॉलर बॉंड पर ओवरड्यू ब्याज पेमेंट करके कई मौकों पर चूक से बचा है। एवरग्रांडे को 8.35 करोड़ डॉलर का ब्याज मार्च 2022 तक चुकाना है। वहीं, 23 सितंबर 2022 तक इसे 4.75 करोड़ रुपए ब्याज के रूप में चुकाने हैं।
सोमवार को आखिरी डेडलाइन निकल जाने के बावजूद एवरग्रांडे ने कुछ अमेरिकी डॉलर बॉंड पर बकाया पेमेंट नहीं किया। इससे ये डिफॉल्ट हो गई। इंटरनेशन कैपिटल मार्केट में कंपनी के लगभग 19 अरब डॉलर के बॉन्ड पर क्रॉस-डिफॉल्ट बढ़ने की अब उम्मीद और बढ़ गई है। यह प्रॉपर्टी सेक्टर और ग्लोबल इन्वेस्टर्स के विश्वास को और ज्यादा प्रभावित करेगा।
एवरग्रांडे ने सोमवार को 30-दिन के ग्रेस पीरियड के आखिर तक भी डॉलर बॉन्ड के दो सेटों पर आम तौर 6 नवंबर को किए जाने वाले इंटरेस्ट पेमेंट के 8.2 करोड़ डॉलर का पेमेंट नहीं किया। कंपनी ने कैश जुटाने के लिए संपत्ति बेची है। इसके फाउंडर और शेयर होल्डर ने भी हाल ही में अपने शेयरों का एक बड़ा हिस्सा बेचा है।
एवरग्रांडे चीन की दूसरी सबसे बड़ी रियल एस्टेट कंपनी है। इस पर 300 अरब डॉलर का कर्ज है। यह कर्ज चीन की GDP (सकल घरेलू उत्पाद) की तुलना में 2% है। इसके पास 280 शहरों में 1300 प्रोजेक्ट हैं। हाउसिंग के अलावा एवरग्रांडे ने इलेक्ट्रिक व्हीकल, स्पोर्ट्स, थीम पार्क आदि में भी निवेश किया है।
कंपनी का फूड और बेवरेजेस बिजनेस भी है। कंपनी की दिक्कतें तब शुरू हुईं, जब चीन सरकार ने हाउसिंग मार्केट का फायदा उठाने पर कड़क प्रतिबंध लागू कर दिए। इसके अलावा कंस्ट्रक्शन की बढ़ती लागत, सप्लाई की कमी और वैश्विक महंगाई भी कंपनी को संकट में लाने का कारण रही हैं।
दिसंबर 2020 तक एवरग्रांडे की 15 लाख यूनिट्स अधूरी थी। चीन के सेंट्रल बैंक ने 18.6 अरब डॉलर की रकम बैंकिंग सेक्टर में भी डाली थी, पर एवरग्रांडे डिफॉल्ट हो गई। चीन में बिकने वाली सालाना प्रॉपर्टी में एवरग्रांडे की सिर्फ 4% भागीदारी है। एवरग्रांडे के बाद यहां की कंट्री गार्डेन पर भी 300 अरब डॉलर की देनदारी है। रियल्टी कंपनियों के डिफॉल्ट होने से घरों की कीमतें कम हो सकती हैं। चीन की अर्थव्यवस्था में रियल इस्टेट सेक्टर का योगदान 29% है।
एवरग्रांडे के डिफॉल्ट का ज्यादा असर उन देशों पर होगा, जो चीन पर निर्भर हैं। एवरग्रांडे पर 128 बैंकों का कर्ज है। एवरग्रांडे में 2 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। हर साल वह चीन में डायरेक्ट और इनडायरेक्ट 38 लाख रोजगार जनरेट करती है।चीन की एक और बड़ी कंपनी डूब के कगार पर है। यह भी डेवलपर है और हाउसिंग प्रोजेक्ट से जुड़ी है। इसका नाम सनशाइन 100 है। कंपनी ने रविवार को कहा कि 1700 लाख डॉलर के लोन का पेमेंट करने में वह चूक गई है और इसका डेडलाइन भी पार हो गया है। इस कंपनी पर 89 लाख डॉलर का ब्याज है जिसे वह चुकाने में असमर्थ है।