बिपिन रावत के बयान से बौखला गया था चीन, जानिए क्या हुआ था
मुंबई- एक हेलिकॉप्टर क्रैश में भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत की मौत हो गई है। जिस MI-17 हेलिकॉप्टर में वो सवार थे, वो दुनिया के सबसे सुरक्षित माना जाता है। इसलिए इस क्रैश पर सवाल उठने लाजिमी हैं। CDS बिपिन रावत का चीन को लेकर बेहद सख्त रवैया रहा है।
इंडियन एयरफोर्स ने ट्वीट कर लिखा- बेहद अफसोस के साथ अब यह पता चला है कि इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में जनरल बिपिन रावत, श्रीमती मधुलिका रावत और उसमें सवार 11 अन्य लोगों की मौत हो गई है।
13 नवंबर 2021 को CDS बिपिन रावत ने कहा था कि चीन भारत का सबसे बड़ा सिक्योरिटी थ्रेट बन चुका है। उन्होंने कहा कि पिछले साल चीन से लगते सीमावर्ती इलाकों में लाखों जवानों और सैन्य हथियारों की तैनाती की गई थी। उनका जल्द बेस की तरफ लौटना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच 13 दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन भरोसा की कमी की वजह से सीमा विवाद सुलझना मुश्किल है।
चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल वू कियान ने इस बयान को उकसावे भरा, गैर-जिम्मेदाराना और खतरनाक बताया था। उन्होंने कहा कि ऐसे बयानों की वजह से जियो-पॉलिटिकल टकराव को बढ़ावा मिल सकता है। उन्होंने कहा कि भारतीय अधिकारी बिना किसी कारण के चीनी खतरे पर अटकलें लगाते रहते हैं, जो दोनों देशों के नेताओं की पॉलिसी का उल्लंघन है।
15 अप्रैल 2021 को CDS बिपिन रावत ने रायसीना डायलॉग में कहा कि चीन चाहता है ‘माय वे ऑर नो वे’। भारत उसके सामने मजबूती से खड़ा है। उन्होंने कहा कि हमने साबित किया है कि किसी भी तरह का दबाव डालकर हमें पीछे नहीं धकेला जा सकता है। 8 अप्रैल 2021 को विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन के एक कार्यक्रम के दौरान अपने संबोधन में कहा कि, ‘हम इसे बात का आभास है कि चीन तकनीक के मामले में काफी सक्षम है और वह भारत पर साइबर हमले कर रहता है। इस कारण भारत भी चीन के साइबर अटैक से निपटने के लिए अपने साइबर डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने की पूरी कोशिश में जुटा हुआ है।’
जनवरी 2018 में सेना प्रमुख रहते हुए जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि चीन अगर मजबूत है, तो भारत भी अब कमजोर नहीं है। भारत अपनी सीमा पर किसी भी देश को अतिक्रमण नहीं करने देगा। अब हालात 1962 जैसे नहीं हैं। हर क्षेत्र में भारतीय सेना की ताकत बढ़ी है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने कहा कि इस साल भारत और चीन के संबंधों में काफी उथल-पुथल रही है। ऐसे बयान दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ाएंगे।
चश्मदीदों के मुताबिक हादसे से पहले बहुत तेज आवाज सुनाई दी। हेलिकॉप्टर पहले पेड़ों पर गिरा। इसके बाद उसमें आग लग गई, वो आग का गोला बन गया था। एक और चश्मदीद का कहना है कि उसने जलते हुए लोगों को हेलिकॉप्टर से बाहर गिरते हुए देखा। हादसा तब हुआ जब जनरल रावत कुन्नूर में एक कार्यक्रम में शामिल होने के बाद वापस सुलूर लौट रहे थे। हेलिपैड से 10 मिनट के दूरी पर घने जंगलों के बीच हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। शुरुआती जानकारी के मुताबिक हादसे की वजह खराब मौसम बताई जा रही है।