फाइनेंशियल असेट्स के रूप में आ सकती है क्रिप्टोकरेंसी, सरकार कर रही है विचार
मुंबई- भारत सरकार छोटे निवेशकों की सुरक्षा का ध्यान रखते हुए क्रिप्टोकरेंसी को वित्तीय संपत्ति (financial asset) के रूप में मानने के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। इसकी चर्चा तब छिड़ी हुई है जब इससे जुड़े बिल को अंतिम रूप देने के लिए अधिकारियों की भाग दौड़ शुरू है।
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के सत्र में इसे पेश करना चाहती है। इस मामले के जानकारों ने कहा कि नए कानून के जरिए डिजिटल करेंसीज में निवेश की एक न्यूनतम सीमा तय की जा सकती है। जबकि लीगल टेंडर के रूप में उनके उपयोग पर प्रतिबंध लगा सकता है। हालांकि इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। देर रात संसद की वेबसाइट पर बिल की डिटेल्स पोस्ट की गई है। इसके मुताबिक, कुछ अपवादों को छोड़कर सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने का प्रस्ताव भी इस बिल के माध्यम से लाया जा सकता है।
क्रिप्टो करेंसी पर अनिश्चितता की वजह से बुधवार को इसकी सारी करेंसीज की कीमतों में भारी गिरावट दिखी। शिबा इनू से लेकर डागकॉइन के भाव लुढ़क गए। इन करेंसीज में 20% की गिरावट देखी गई। शिबा इनू इसलिए चर्चित है क्योंकि इसकी कीमतें एक-एक दिन में 1-1 हजार गुना बढ़ती हैं। हालांकि क्रिप्टो करेंसी में सबसे लोकप्रिय बिटकॉइन है। बिटकॉइन 18% टूटी है। दो हफ्ते में इसका भाव 38% के करीब गिर गया है। नवंबर के पहले हफ्ते में इसकी कीमत 68 हजार डॉलर को पार कर गई थी।
RBI चाहता है कि डिजिटल करेंसी पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगे। क्योंकि यह देश की मैक्रोइकोनॉमिक और फाइनेंशियल स्थिरता पर असर डाल सकती है। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने पिछले हफ्ते कहा था कि देश में इस मुद्दे पर एक गहन चर्चा की जरूरत है। दूसरी ओर, सरकार क्रिप्टो करेंसी से होने वाली कमाई पर टैक्स लगाने की सोच रही है। अगले साल पेश होने वाले बजट में इस पर नियम लाया जा सकता है।
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) इस मामले को सक्रिय रूप से देख रहा है। जब इससे संबंधित बिल का कंटेंट फाइनल हो जाएगा, तब इसे कैबिनेट में मंजूरी के लिए लाया जा सकता है। इससे पहले इसी महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक मीटिंग रिजर्व बैंक और अन्य अधिकारियों के साथ की थी। उन्होंने सिडनी डायलॉग में कहा था कि क्रिप्टो करेंसी गलत हाथों में नहीं जानी चाहिए। इससे युवा बर्बाद हो सकते हैं। साथ ही इसका उपयोग आतंकी फंडिंग और मनी लांड्रिंग के लिए भी नहीं होना चाहिए।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 2 नवंबर को क्रिप्टो करेंसी कारोबार से जुड़े अहम लोगों के साथ मीटिंग की थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने भी RBI और दूसरी एजेंसियों के साथ इस बारे में बैठक की। PM ने इसे लेकर फाइनेंस मंत्रालय, RBI और गृह मंत्रालय के साथ बैठक की। इसमें मोदी ने साफ तौर पर पूछा कि क्रिप्टो करेंसी को रेगुलराइज करने के लिए कौन से कदम उठाए गए हैं।