7 महीने में सेंसेक्स की सबसे बड़ी गिरावट, सोमवार को निवेशकों के डूबे 7.8 लाख करोड़
मुंबई- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) सेंसेक्स में 7 महीने की सबसे बड़ी गिरावट आज रही। बाजार 1,170 पॉइंट्स गिर कर 58,465 पर बंद हुआ। अप्रैल के बाद किसी एक दिन में यह सबसे बड़ी गिरावट है।
सेंसेक्स 28 अक्टूबर को 1,158 पॉइंट्स गिरकर 59,984 पर बंद हुआ था। इससे पहले सेंसेक्स 12 अप्रैल 2021 को 1,707 पॉइंट्स गिर कर 47,883 पर बंद हुआ था। 30 अप्रैल को सेंसेक्स 983 पॉइंट्स गिरकर बंद हुआ था। 24 सितंबर को सेंसेक्स पहली बार 60 हजार के पार पहुंचा था।
देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का शेयर 4% से ज्यादा गिरा। इसका मार्केट कैप 15 लाख करोड़ रुपए के नीचे आ गया। बजाज फाइनेंस का शेयर 6% और बजाज फिनसर्व का शेयर 5% से ज्यादा टूटा। बजाज ऑटो का शेयर 3% से ज्यादा टूटा। जबकि पेटीएम, NTPC और मारुति जैसे शेयर्स ने भी बाजार पर जबरदस्त दबाव बनाया। बैंकिंग शेयर आज 3% तक टूटे।
बाजार की गिरावट के कई कारण हैं। सबसे पहले तो केंद्र सरकार द्वारा तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने से सरकारी कंपनियों के शेयर्स पर इसका असर दिखा। इसके बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज की सऊदी अरामको के साथ डील कैंसल हो गई। तीसरा पेटीएम के शेयर्स में दूसरे दिन भारी गिरावट जारी रही। कई देशों में महंगाई का स्तर बढ़ने के साथ-साथ कोरोना की वजह से लॉकडाउन का लगना भी बाजार की गिरावट का कारण बना।
ऑस्ट्रेलिया ने कहा कि वह फिर से लॉकडाउन लगा रहा है। फरवरी से वैक्सीनेशन अनिवार्य कर देगा। अन्य देशों में स्लोवाकिया, जर्मनी, बेल्जियम भी लॉकडाउन लगाने वाले हैं। इसके अलावा यूरोपियन केंद्रीय बैंक अब दरों में बढ़ोत्तरी करने की योजना बना रहा है। इसने कहा है कि महंगाई 2% से ऊपर रह सकती है। एशियाई बाजार सोमवार को गिरावट में कारोबार करते रहे। टोकियो, हांगकांग, सिडनी और अन्य बाजारों में गिरावट रही।
इस गिरावट के साथ ही बाजार अब कंसोलिडेशन चरण में आ गया है। यानी स्टॉक विशेष उतार-चढ़ाव बाजार में दिख सकता है। जैसे आज बाजार में एयरटेल और वोडाफोन के शेयर्स में अच्छी तेजी रही। कारण यह रहा कि टेलीकॉम कंपनियां आने वाले समय में टैरिफ बढ़ा सकती हैं। यह अनुमान है कि बाजार इस हफ्ते और अगले हफ्ते दबाव में रह सकता है। इस वजह से IPO लाने वाली कंपनियां अपने इश्यू को टाल सकती हैं।