सउदी अरामको के साथ सौदे पर बात जारी, 2 साल से अटकी है डील

मुंबई- देश की सबसे बड़ी कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने कहा है कि सउदी अरामको के साथ उसकी डील अभी तक ठंडी नहीं पड़ी है। कंपनी इस डील पर बात कर रही है और इसका मूल्यांकन नए सिरे से किया जाएगा।

रिलायंस और सउदी अरामको के बीच यह डील 15 अरब डॉलर के वैल्यूएशन पर चल रही है। कंपनी ने कहा कि फिर से वैल्यूएशन के लिए दोनों कंपनियों की मंजूरी है। पिछले तीन सालों में रिलायंस ने वैकल्पिक ऊर्जा में 10 अरब डॉलर का निवेश करके नए कारोबार में प्रवेश किया है। इस वजह से इस डील का मूल्यांकन फिर से किया जा रहा है। कंपनी ने बयान में कहा कि रिलायंस और सउदी अरामको ने बदलते हालात में यह फैसला किया है कि O2C बिजनेस को रिलायंस से अलग नहीं किया जाएगा।

रिलायंस इंडस्ट्रीज और सउदी अरामको के बीच अगस्त 2019 से बात चल रही है। इसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज के ऑयल टू केमिकल बिजनेस (O2C, तेल रिफाइनरी और पेट्रो रसान कारोबार) में सउदी अरामको 20% हिस्सेदारी खरीदना चाहती है। हालांकि वैल्यूएशन को लेकर यह बात नहीं बन पाई। रिलायंस ने शुक्रवार देर रात एक बयान जारी किया। इसने कहा कि दोनों कंपनियों के बीच डील को लेकर बात जारी है।

इसी साल जून में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सउदी अरामको के प्रमुख यासिर रुमायन को इंडिपेंडेंट डायरेक्टर नियुक्त किया था। उस समय इसे डील के लिए सफलता का एक कदम बताया गया था। जून में रिलायंस के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा था कि अगले तीन सालों में उनकी कंपनी क्लीन एनर्जी में 75 हजार करोड़ रुपए का निवेश करेगी। यह प्लान तीन हिस्सों में होगा। इसमें 60 हजार करोड़ रुपए का निवेश 4 गीगा फैक्टरी में किया जाएगा। 15 हजार करोड़ रुपए का निवेश वैल्यू चेन, पार्टनरशिप और फ्यूचर टेक्नोलॉजी में किया जाएगा।

कंपनी ने कहा कि पिछले दो सालों में दोनों के बीच गहरे जुड़ाव हुए हैं और इससे दोनों को एक दूसरे को समझने के लिए समय भी मिला है। रिलायंस ने कहा कि O2C कारोबार को अलग करने के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) में किए गए आवेदन को वापस ले लिया गया है। रिलायंस ने NCLT की मुंबई और अहमदाबाद ब्रांच में यह आवेदन किया था। इस आवेदन में कंपनी ने कहा कि 2021-22 की दूसरी तिमाही तक मंजूरी मिलने की उम्मीद है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *