कोटक महिंद्रा म्यूचुअल फंड की गड़बड़ी का असर, सेबी ने लाया नया नियम

मुंबई- मार्केट रेगुलेटर सेबी ने म्यूचुअल फंड में जोखिम प्रबंधन (रिस्क मैनेजमेंट) को लेकर नियम कड़ा कर दिया है। निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए सेबी ने यह कदम उठाया है।  

सेबी ने कहा है कि विभिन्न जोखिमों की पहचान करने, उसे मापने और रिपोर्ट करने गाइडलाइंस को लागू करने सहित म्यूचुअल फंड्स के लिए जोखिम प्रबंधन नियमों को और कड़ा किया गया है। नए नियमों के तहत मुख्य जोखिम अधिकारी की नियुक्ति (chief risk officer), रिस्क मैनेजमेंट कमेटियों का गठन पर फंड हाउसों को फोकस करना होगा।  

इसके साथ ही निवेश जोखिम, लिक्विडिटी जोखिम और हर स्कीम के लिए क्रेडिट रिस्क जैसे मैट्रिक्स को बनाए रखने का भी आदेश दिया गया है। नया फ्रेमवर्क देश के सबसे बड़े म्यूचुअल फंड हाउस में से एक कोटक महिंद्रा असेट मैनेजमेंट की गड़बड़ी की वजह से आया है। सेबी ने इस फंड हाउस को 6 महीने तक किसी भी फिक्स्ड मैच्योरिटी प्लान (एफएमपी) को लॉन्च करने पर रोक लगाया है। सेबी ने अगस्त के अंतिम हफ्ते में इस फंड हाउस पर कार्रवाई की थी। 

एफएमपी एक फिक्स्ड इनकम फंड है। यह स्कीम डेट सेगमेंट में निवेश करती है। कोटक फंड हाउस के एफएमपी का असेट अंडर मैनेजमेंट 70 अरब रुपए है। सेबी कोटक फंड हाउस की 2019 से जांच कर रहा था। ऐसा आरोप था कि कोटक फंड एफएमपी के पैसों को दिक्कतों से गुजर रही कंपनियों के डेट इंस्ट्रूमेंट में निवेश कर रहा था।  

फंड हाउस पर यह आरोप था कि बाद में उन स्कीम्स के यूनिट वैल्यू के आधार पर निवेशकों को पूरी इनकम का पेमेंट नहीं कर रहा था। सेबी ने अपने 84 पेज के आदेश में कहा था कि फंड हाउस निवेश करते समय उचित ड्यू डिलिजेंस करने में विफल रहा। अपने निवेशकों को सही जानकारी का खुलासा नहीं किया। इससे फंड हाउस की लापरवाही से निवेशकों का नुकसान हुआ। 

कोटक फंड हाउस का कहना था कि 6 एफएमपी स्कीम अप्रैल और मई 2019 में मैच्योर्ड हो गई थीं। सभी निवेशकों को सितंबर 2019 में ब्याज के साथ पूरी तरह से पेमेंट कर दिया गया था। फंड हाउस निवेशकों के हितों की रक्षा के लिए बमेशा प्रतिबद्ध था। सेबी ने कोटक को कुछ प्रभावित स्कीम्स के यूनिटधारकों से लिए गए मैनेजमेंट और एडवाइजरी फीस का हिस्सा वापस करने का आदेश दिया था। साथ ही 50 लाख रुपए का जुर्माना लगाया था।  

यह आदेश इसलिए आया क्योंकि सेबी नियमों का उल्लंघन करने या निवेशकों के हितों के खिलाफ काम करने के लिए फंड हाउसेस पर सख्त नजर रखता है। पिछले साल सेबी ने भारत में फ्रैंकलिन टेंपलटन को दो साल के लिए किसी भी नई डेट स्कीम्स को शुरू करने से रोक दिया था। फ्रैंकलिन ने अपनी 6 डेट स्कीम्स को अचानक बंद कर दिया था।  

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