अब कंपनियों के मालिक को 18 महीने में ही घटानी होगी हिस्सेदारी

मुंबई- रेगुलेटर सेबी ने कहा है कि अब कंपनियों के प्रमोटर्स को 18 महीनों में अपनी हिस्सेदारी घटानी होगी। अभी तक यह नियम 36 महीने का था। यानी जब भी कंपनी अपना IPO लाएगी, उसके बाद का यह समय माना जाएगा।  

इसमें शर्त भी है। यानी कंपनी में जो पहले के निवेशक हैं, वे जब अपनी हिस्सेदारी बेचेंगे। इसके साथ ही यह राहत तब मिलेगी जब नए शेयरों से पैसा निवेश के अलावा किसी और मकसद के लिए जुटाया जाएगा। अभी तक किसी कंपनी में प्रमोटर्स की जो भी हिस्सेदारी होती थी, उसका लॉक इन पीरियड 36 महीने का होता था। अब यह 18 महीने का होगा। हालांकि इसके साथ सेबी ने कई शर्तें भी इसमें जोड़ी है। यह राहत तब मिलेगी, जब IPO पूरी तरह से ऑफर फॉर सेल होगा।  

सेबी ने बोर्ड मीटिंग में कहा कि कम से कम प्रमोटर्स के योगदान से अगर उसकी होल्डिंग ज्यादा होती है तो ऐसी स्थिति में लॉक इन पीरियड 6 महीने का होगा, जो पहले एक साल का था। इसी के साथ सेबी ने उन निवेशकों को भी राहत दी है जो निवेशक इश्यू से पहले कंपनी में शेयर खरीदे हैं। ऐसे निवेशक अब अपने शेयर IPO आने के 6 महीने बाद अपनी हिस्सेदारी बेच सकते हैं। अभी यह एक साल का लॉक इन पीरियड था।  

किसी कंपनी में अगर वेंचर कैपिटल फंड या अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड ने निवेश किया है तो उनका भी लॉक इन अब 6 महीने का होगा, जो अभी तक एक साल का था। सेबी ने इसी के साथ IPO के समय ढेर सारे डिस्क्लोजर की जरूरतों को भी कम कर दिया है।  

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *