वेदांता का डिमर्जर मार्च तक, बनेंगी पांच कंपनियां, अनिल अग्रवाल नहीं होंगे चेयरमैन

मुंबई- वेदांता लि. के बहुप्रतीक्षित डिमर्जर के मार्च तक पूरा होने का लक्ष्य है। कंपनी को पांच स्वतंत्र सूचीबद्ध इकाइयों में बांटा जाएगा। चेयरमैन अनिल अग्रवाल ने कहा, इनमें से हर एक अपने आप में आज की वेदांता जितनी बड़ी बन सकती हैं। राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने पुनर्गठन प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

डिमर्जर के बाद बेस मेटल्स का कारोबार वेदांता लि. में रहेगा। वेदांता एल्युमिनियम, तालवंडी साबो पावर, वेदांता स्टील एंड आयरन और माल्को एनर्जी नई सूचीबद्ध संस्थाएं होंगी। अग्रवाल ने कहा, डिमर्जर का रास्ता इसलिए चुना गया ताकि जिंक, एल्युमिनियम, तेल- गैस, बिजली, लौह अयस्क और स्टील जैसे व्यवसायों की पूरी संभावनाएं खुलकर सामने आ सकें। हमारे हर कारोबार में एक नई बरगद बनने की क्षमता है। मेरा लक्ष्य है कि हर कंपनी राजस्व के लिहाज से आज की वेदांता जितनी बड़ी बने। इससे शेयरधारक सबसे अधिक खुश होंगे।

डिमर्जर के बाद तकरीबन 48,000 करोड़ रुपये के कर्ज को प्रत्येक इकाई में उनके नकदी प्रवाह के अनुसार बांटा जाएगा। सभी कंपनियों का अपना अलग बोर्ड और पेशेवर प्रबंधन होगा। प्रमोटर समूह का हिस्सा 50 फीसदी रहेगा। लेकिन वे रोजाना के संचालन में शामिल नहीं होंगे। हर कंपनी की बैलेंस शीट क्षमता के हिसाब से कर्ज का बंटवारा होगा। अग्रवाल सभी पांच कंपनियों के चेयरमैन नहीं होंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *