अब 10 लाख तक की डुप्लीकेट प्रतिभूतियों के प्रमाणपत्र को पुलिस शिकायत जरूरी नहीं

मुंबई- भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने डुप्लीकेट प्रतिभूति प्रमाणपत्र जारी करने की प्रक्रिया आसान बनाने का प्रस्ताव दिया है। इसका उद्देश्य निवेशकों के लिए कागजी कार्यवाही का बोझ कम करना और दस्तावेजों की प्रक्रिया को एकरूप बनाना है। इसके साथ ही, अब 10 लाख रुपये तक की डुप्लीकेट प्रतिभूतियों का प्रमाणपत्र जारी हो सकेगा। अभी यह सीमा पांच लाख रुपये तक थी।

मौजूदा नियमों के तहत निवेशकों को डुप्लीकेट सर्टिफिकेट पाने के लिए कई कदम उठाने पड़ते हैं। इनमें पुलिस शिकायत दर्ज करनी होती है। अखबार में विज्ञापन छपवाना होता है। अलग से हलफनामा और क्षतिपूर्ति बॉन्ड जमा करना होता है। यह छूट केवल तब मिलती है जब खोई हुई प्रतिभूति की कीमत कीमत 5 लाख रुपये से कम हो। सेबी ने कहा, अलग-अलग रजिस्ट्रार और कंपनियों के अलग-अलग नियमों की वजह से निवेशकों को दिक्कत होती है। सेबी का कहना है, कुछ सालों में मार्केट कैपिटलाइजेशन, निवेशकों की संख्या और पोर्टफोलियो वैल्यू काफी बढ़ी है, इसलिए यह बदलाव जरूरी है।

नए नियमों के बाद निवेशकों को यह करना होगा

10 लाख रुपये तक के मामलों में निवेशकों को अब सिर्फ एक ही दस्तावेजएकल हलफनामा कम क्षतिपूर्ति बॉन्ड जमा करना होगा। यह मौजूदा प्रक्रिया को बदल देगा, जिसमें दो अलग-अलग स्टाम्प दस्तावेज जमा करने पड़ते थे। 10 लाख रुपये से ज्यादा कीमत वाली प्रतिभूतियों के लिए, सेबी ने प्रस्ताव दिया है कि निवेशकों को अब भी एफआईआर या उसके बराबर शिकायत दर्ज करानी होगी।

डिमैट फॉर्म में जारी होंगे डुप्लीकेट सर्टिफिकेट

सेबी ने कहा कि इन कदमों से प्रक्रिया आसान होगी। निवेशकों का खर्च कम होगा। जिन लोगों के पास भौतिक प्रतिभूतियां हैं, उनके अधिकारों की रक्षा करने में मदद मिलेगी। सभी डुप्लीकेट सर्टिफिकेट डिमैट फॉर्म में ही जारी किए जाएंगे।

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