ब्रिटेन से एफटीए के जागरुकता अभियान के लिए 1,000 कार्यक्रम करेगी सरकार
मुंबई- सरकार भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते पर उद्योग और राज्यों को संवेदनशील बनाने की तैयारी कर रही है। अगले 20 दिनों में देशभर में हितधारक बैठकों, कार्यशालाओं और जागरूकता अभियान सहित 1,000 से अधिक कार्यक्रम आयोजित होगा। इसका उद्देश्य 24 जुलाई को हस्ताक्षरित व्यापक आर्थिक एवं व्यापार समझौते (सीईटीए) का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करना तथा इससे अधिकतम लाभ प्राप्त करना है।
सूत्रों के मुताबिक, क्षेत्रवार कार्यक्रम आयोजित होंगे। टीमें विभिन्न राज्यों का दौरा करके उन्हें इस व्यापार समझौते के लाभों से अवगत कराएंगी।वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल सोमवार को चमड़ा और वस्त्र क्षेत्र के साथ बैठक करेंगे। इस समझौते के लागू होने पर 99 प्रतिशत भारतीय निर्यात ब्रिटेन में शुल्क मुक्त हो जाएगा। इससे कार, सौंदर्य प्रसाधन और व्हिस्की जैसे ब्रिटिश उत्पादों पर शुल्क भी कम हो जाएगा।
इस समझौते का लक्ष्य 2030 तक विश्व की पांचवीं और छठी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच 56 अरब डॉलर के व्यापार को दोगुना करना है। भारत ने चॉकलेट, बिस्कुट और सौंदर्य प्रसाधनों सहित विभिन्न उपभोक्ता वस्तुओं के लिए अपना बाजार खोल दिया है। उसे वस्त्र, फर्नीचर, जूते, रत्न और आभूषण, खेल के सामान और खिलौनों जैसे निर्यात उत्पादों तक अधिक पहुंच प्राप्त होगी। ब्रिटेन में कार्यरत टीसीएस और इन्फोसिस जैसी भारतीय कंपनियों को भारत से आने वाले कर्मचारियों के लिए तीन साल तक सामाजिक सुरक्षा अंशदान नहीं करना पड़ेगा।
दोनों देशों के बीच समझौते से 7 अरब डॉलर के रत्न एवं आभूषण कारोबार को बढ़ावा मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिटेन में जब एफटीए पर हस्ताक्षर किया तो उस समय ब्रिटेन पहुंचे 20 सदस्यीय व्यापार प्रतिनिधिमंडल में आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) के चेयरमैन किरीट भंसाली भी थे। भंसाली के मुताबिक, इस समझौते से सादे सोने और रत्न जड़ित आभूषणों के निर्यात में तेजी आने की उम्मीद है। वर्ष 2024 में भारत ने ब्रिटेन को 94.1 करोड़ डॉलर मूल्य के रत्न और आभूषण निर्यात किए। वहां से आयात 2.7 अरब डॉलर रहा। इससे इस क्षेत्र का कुल द्विपक्षीय व्यापार 3.6 अरब डॉलर का हुआ। इस व्यापार के अगले दो वर्षों में दोगुना होकर 7 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।