ऑटो उद्योग को मिलेगा सहारा, दुर्लभ खनिज के लिए ऑस्ट्रेलिया से बात कर रहा भारत

मुंबई- भारत दुर्लभ खनिजों केलिए ऑस्ट्रेलिया के साथ बातचीत कर रहा है। चीनी निर्यात प्रतिबंधों के कारण इस खनिज की कमी से आने वाले समय में घरेलू ऑटो कंपनियों के उत्पादन में भारी गिरावट की आशंका जताई जा रही है। इसलिए सरकार इसका दूसरा विकल्प तलाश रही है।

ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स सरकार की व्यापार एवं निवेश आयुक्त मालिनी दत्त ने कहा, भारत के लिए प्रारंभिक चरण का ब्लॉक लेने और कुछ कंपनियों के साथ गठजोड़ करने का यह अवसर है। भारत में निजी और सरकारी क्षेत्र ने ऑस्ट्रेलिया में तांबा ब्लॉकों में रुचि दिखाई है। वहां क्षमता उपलब्ध है। तांबे की प्रचुरता है।

ऑटोमोटिव कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने कहा, देश में इलेक्ट्रिक वाहन उत्पादन को सुरक्षित करने के लिए महत्वपूर्ण सामग्रियों पर एक राष्ट्रीय रणनीति बनाने की जरूरत है। उद्योग ने वैकल्पिक समाधानों पर काम करना शुरू कर दिया है। उद्योग को मौजूदा स्थिति से बचने के लिए आत्मनिर्भर बनना होगा, जहां चीन द्वारा दुर्लभ खनिजों के निर्यात पर रोक लगाने से यह क्षेत्र संभावित संकट में है।

देशों के बीच तनाव और आपूर्ति श्रृंखला चुनौतियों के बावजूद ऑटो कंपोनेंट उद्योग ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 6.73 लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया। वित्त वर्ष 2019-20 से 2024-25 तक उद्योग ने 14 फीसदी की सालाना वृद्धि दर्ज की है।

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