पांच साल में टोल से एक लाख करोड़ रुपए की आय का अनुमान,16,000 करोड़ रुपए सरकार ने बचाए

मुंबई- केंद्र सरकार ने टोल के जरिए अगले पांच साल में एक लाख करोड़ रुपए की आय का अनुमान जताया है। इस साल हालांकि 28 हजार करोड़ रुपए टोल से मिलने का अनुमान है। पहले 40 हजार करोड़ रुपए का अनुमान था। साथ ही देश में हाइवे की पहले की योजना को बदलने से सरकार को 16,000 करोड़ रुपए की बचत होगी। यह बचत हाइवे के रास्तों को बदलने से जमीन अधिग्रहण के रूप में होगी।

केंद्रीय हाइवे, रोड एवं एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि पहले योजना मुंबई से अहमदाबाद हाइवे के किनारे से नया हाइवे निकालने की योजना थी। चूंकि यह पट्‌टा पूरी तरह से विकसित है और इसलिए यहां जमीन अधिग्रहण की कीमत बहुत ज्यादा थी। यहां जमीनें 3 करोड़ रुपए एकड़ थीं। जबकि इस योजना को बदलकर नया हाइवे जो बनेगा उसके लिए जमीन अधिग्रहण की कीमतें 10-20 लाख रुपए प्रति एकड़ आएगी। इस तरह से इससे 16,000 करोड़ रुपए की बचत जमीन अधिग्रहण के रूप में होगी।

नितिन गडकरी ने कहा कि दिल्ली से मुंबई की दूरी इस हाइवे से 12 से 12.30 घंटे में पूरी की जा सकेगी। यह हाइवे सोना (गुड़गांव) से निकलेगा और अलवर, झाबुआ, रतलाम, वड़ोदरा होकर मुंबई पहुंचेगा। इस रोड पर 120 किलोमीटर की गति से गाड़ियां चल सकेंगी। उन्होंने कहा कि हाइवे बनने के बाद उसके बगल की जमीन भी हमारी होगी। यहां पर हम लॉजिस्टिक पार्क बनाएंगे। इससे हमें अतिरिक्त आय होगी। उदाहरण के तौर पर हम पेट्रोल पंप के लिए जमीन कंपनियों को देंगे। हमें पेट्रोल, डीजल और गैस की बिक्री पर प्रति लीटर कमीशन मिलेगा। अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए कुल 22 ग्रीन एक्सप्रेस हाइवे बन रहे हैं। इसमें से कई हाइवे तीन साल के अंदर पूरे हो जाएंगे।

गडकरी ने कहा कि दिल्ली-मेरठ हाइवे 7 महीने में पूरा हो जाएगा। इसकी दूरी गाड़ियों से महज 55 मिनट में तय की जा सकती है। जबकि दिल्ली-अमृतसर की दूरी 4 घंटे में पूरी हो सकती है। उन्होंने कहा कि ज्यादातर हाइवे को रेलवे स्टेशन, पोर्ट और हवाई अड्‌डों से जोड़ा जाएगा। इसके आस-पास प्रधानमंत्री आवास योजना भी होगी, जहां पर लोग रह सकेंगे। कुल 62 में से 32 प्रोजेक्ट अब तक बनाने के लिए कंपनियों को दिए जा चुके हैं।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि देश में लेदर इंडस्ट्री का कुल 1.45 लाख करोड़ रुपए का कारोबार है। इसमें से 45-55 हजार करोड़ रुपए एक्सपोर्ट का हिस्सा है। इसलिए हमारी योजना एमएसएमई को अपग्रेड करने की है। नई टेक्नोलॉजी देने की है। हम एमएसएमई की रेटिंग करके उसे स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग के लिए तैयार करेंगे। हमारे पास एमएसएमई के लिए अलग से पहले से ही स्टॉक एक्सचेंज है।

गडकरी ने कहा कि हम चाहते हैं कि एमएसएमई में विदेशी निवेश बढ़े। इंफ्रा में अगले दो सालों में हमारा लक्ष्य 15 लाख करोड़ रुपए के निवेश का है। एमएसएमई के लिए 15 हजार करोड़ रुपए की इक्विटी सरकार डालेगी। इसके लिए हमने अमेरिका में 10 हजार निवेशकों, दुबई आदि के निवेशकों से बात की है ताकि वे यहां पर निवेश करें और इससे एमएसएमई को बढ़ावा मिले। इससे हमारी अर्थव्यवस्था अपग्रेड होगी। हमें रोड, रेलवे, एविएशन, पोर्ट, शिपिंग, पावर और इंफ्रा जैसे सेक्टर में निवेश करने की भारी जरूरत है।

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