चीन के दुर्लभ खनिज पर लगाए गए प्रतिबंध से निपटने के लिए कदम उठा रही सरकार

मुंबई- चीन की ओर से दुर्लभ खनिजों पर लगाए गए प्रतिबंधों के कारण संभावित व्यवधानों को कम करने के लिए भारत कदम उठा रहा है। वित्त मंत्रालय की जारी मासिक समीक्षा में कहा गया है कि चीन के हालिया निर्यात नियंत्रण ने वैश्विक ऑटो उद्योग को हिलाकर रख दिया है। इससे भारत सहित अन्य स्थानों पर आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान तथा संभावित उत्पादन रुकने की चेतावनी दी गई है।

भारत के पास दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा दुर्लभ खनिज भंडार है। बावजूद भारत का घरेलू उत्पादन अभी भी अविकसित है। वित्त वर्ष 2024-25 में देश ने 53,748 टन दुर्लभ खनिज का आयात किया था। इस खनिज का ऑटोमोबाइल के विनिर्माण, विंड टर्बाइन, मेडिकल उपकरणों और अन्य उत्पादों को बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।

रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू दुर्लभ खनिज आपूर्ति को मजबूत करने के उद्देश्य से सात वर्षीय राष्ट्रीय पहल की शुरूआत की जाने वाली है। भारत स्थानीय मांग को पूरा करने के लिए दुर्लभ खनिज प्रसंस्करण और चुंबक उत्पादन सुविधाएं स्थापित करने के लिए कंपनियों को प्रोत्साहन दे सकता है।

रिपोर्ट के अनुसार, इस्राइल-ईरान के बीच संक्षिप्त युद्ध के कारण बढ़ी तेल की कीमतों में कमी आई है। लेकिन शेष वर्ष के लिए सब कुछ ठीक कह देना अभी जल्दबाजी होगी। वृहद आर्थिक स्थिति में कोई बड़ा असंतुलन न होने, महंगाई दर में नरमी तथा विकास को बढ़ावा देने वाली मौद्रिक नीति के कारण भारत की वृहद आर्थिक स्थिति बेहतर स्थिति में है। रिपोर्ट में कहा गया कि इसके जारी रहने से चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि और राजकोषीय संभावना को खतरा हो सकता था। पर युद्ध रुकने से तेल की कीमतें नीचे आने लगी हैं।

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