पीएफधारक एजेंटों की न लें मदद, ऑनलाइन करें काम, डाटा हो सकता है लीक

मुंबई- कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने सदस्यों को तीसरे पक्ष के एजेंटों की मदद लेने के प्रति आगाह किया है। इसने कहा, भविष्य निधि खातों से संबंधित सेवाओं के लिए ऑनलाइन पोर्टल का उपयोग करें, ताकि महत्वपूर्ण विवरणों के जोखिम से बचा जा सके। ये बाहरी संस्थाएं ईपीएफओ द्वारा अधिकृत नहीं हैं।

श्रम मंत्रालय ने कहा, सभी हितधारकों के लिए सेवाओं को तीव्र, पारदर्शी और यूजर्स अनुकूल बनाने के लिए कई सुधार किए हैं। ईपीएफओ के 7 करोड़ से अधिक सदस्य हैं। कई साइबर कैफे संचालक/फिनटेक कंपनियां ईपीएफओ सदस्यों से उन सेवाओं के लिए बड़ी रकम वसूल रही हैं जो आधिकारिक तौर पर मुफ्त हैं। कई मामलों में, ये ऑपरेटर केवल ईपीएफओ के ऑनलाइन शिकायत पोर्टल का उपयोग करते हैं, जिसे कोई भी सदस्य अपने आप मुफ्त में कर सकता है।

ईपीएफओ के पास एक मजबूत शिकायत निगरानी और निवारण प्रणाली है, जिसमें सदस्यों की शिकायतें सीपीजीआरएएमएस या ईपीएफआईजीएमएस पोर्टल पर दर्ज की जाती हैं। समयबद्ध तरीके से उनकी निगरानी की जाती है। वित्त वर्ष 2024-25 में ईपीएफआईजीएमएस में कुल 16,01,202 शिकायतें और सीपीजीआरएएमएस में 1,74,328 शिकायतें प्राप्त हुईं। दावा दाखिल करना, फंड ट्रांसफर, केवाईसी अपडेशन और शिकायत निवारण सहित सभी ईपीएफओ सेवाएं पूरी तरह से निशुल्क हैं। सदस्यों को उन सेवाओं के लिए तीसरे पक्ष के एजेंटों या साइबर कैफे को कोई शुल्क नहीं देना चाहिए।

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