एआई व एमएल में मई में 25 फीसदी बढ़ीं भर्तियां, रियल एस्टेट, बीमा शीर्ष पर
मुंबई- आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (एआई/एमएल) क्षेत्र में सालाना आधार पर भर्तियों में 25 फीसदी की तेजी आई है। सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र यानी आईटी में नौकरी के अवसरों में गिरावट आई है। नौकरी जॉबस्पीक की रिपोर्ट के अनुसार, आईटी क्षेत्र में कुल भर्ती में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में पांच प्रतिशत की गिरावट आई है।
रिपोर्ट के अनुसार, महानगरों में एआई/एमएल की भर्ती में रफ्तार बनी रही। वरिष्ठ पेशेवरों की मांग भी स्थिर रही। यह रुझान पिछले एक साल से स्थिर बना हुआ है। मई,2025 में समग्र भर्ती स्थिर रही। हालांकि, रियल एस्टेट (5 प्रतिशत वृद्धि) और बीमा (6 प्रतिशत वृद्धि) जैसे उद्योग में ठीक-ठाक तेजी रही।
खुदरा, दूरसंचार, बैंकिंग, फाइनेंस और ब्रोकिंग क्षेत्र में नियुक्तियों में 8-9 प्रतिशत की गिरावट आई। हालांकि, बैंकिंग और वित्तीय सेवाओं में यूनिकॉर्न ने नियुक्तियों में 29 प्रतिशत की वृद्धि की। हैदराबाद और कोच्चि में नियुक्तियों में 7 और 8 प्रतिशत की वृद्धि रही। इस वृद्धि का अधिकांश हिस्सा वरिष्ठ स्तर की भर्ती (16 वर्ष से अधिक अनुभव वाले पेशेवर) के कारण है। पुणे में कुल भर्ती में 4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो कि स्टार्टअप द्वारा भर्ती में 26 प्रतिशत की तीव्र वृद्धि से प्रेरित थी।
जेफरीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का प्रभाव प्रवेश स्तर के कर्मचारियों पर पड़ने की उम्मीद है। अमेरिका में हाल में स्नातक लोगों में बेरोजगारी दर 5.8 प्रतिशत है। यह राष्ट्रीय औसत 4 प्रतिशत से अधिक है। सभी कॉलेज स्नातकों के आधार पर यह 2.7 प्रतिशत की दर से दोगुनी से भी अधिक है। जेफरीज ने कहा, कार्यबल में प्रवेश करने वाले युवा लोग नौकरी पाने के लिए दूसरों की तुलना में अधिक संघर्ष कर रहे हैं।
एआई 1 से 5 वर्षों के भीतर प्रवेश स्तर की 50 प्रतिशत नौकरियों की जगह ले सकता है। यदि यही रुझान रहा तो बेरोजगारी तेजी से बढ़ सकती है और यहां तक कि 10 से 20 प्रतिशत तक पहुंच सकती है। प्रभावित होने वाली अधिकांश नौकरियां सेल्स, ग्राहक सहायता, सॉफ्टवेयर विकास और मार्केटिंग जैसे क्षेत्रों में हैं, जहां जूनियर कर्मचारी कंपनी का बड़ा हिस्सा होते हैं।
एनएलबी सर्विसेज ने कहा, भारत के हरित क्षेत्र में वित्त वर्ष 2027-28 तक 72.9 लाख नौकरियां जुड़ने की उम्मीद है। इसमें हरित तकनीक क्षमताओं के निर्माण में तेजी से निवेश हो रहा है। नए रोजगार का अधिकांश हिस्सा नवीकरणीय ऊर्जा, कचरा प्रबंधन, इलेक्ट्रिक वाहन, टिकाऊ वस्त्र और हरित निर्माण जैसे उद्योगों से आएगा। चूंकि हरित परिवर्तन को बढ़ावा देना भारतीय कंपनियों के लिए एक प्रमुख प्राथमिकता बनती जा रही है, इसलिए हरित क्षेत्र में 2047 तक लगभग 3.5 करोड़ नई नौकरियां जुड़ने की उम्मीद है।