रूस से कच्चा तेल आयात 9 माह में पहली बार घटा, सऊदी अरब से ढाई वर्षों में सबसे कम
मुंबई- रूस से भारत का जुलाई में कच्चे तेल का आयात नौ महीनों में पहली बार कम हुआ है। ओपेक और अन्य देशों में उत्पादन कटौती के बाद सऊदी अरब से आने वाला तेल भी ढाई वर्षों में सबसे कम हो गया।
आंकड़ों के अनुसार, दुनिया में तेल के तीसरे सबसे बड़े आयातक भारत और चीन ने रूस और सऊदी अरब से तेल की कीमतें बढ़ने से जुलाई में आयात घटा दिया था। इस वजह से रूस और सऊदी को उत्पादन भी घटाना पड़ गया।
सऊदी अरब ने जुलाई से सितंबर तक उत्पादन में 10 लाख बैरल प्रति दिन (बीपीडी) की कटौती की है। पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन और उसके सहयोगियों के बीच एक समझौते के तहत आपूर्ति पर अंकुश लगाने और कीमतों का समर्थन करने के लिए रूस अगस्त में निर्यात में 500,000 बीपीडी की कटौती करेगा।
भारत का कच्चा तेल का समग्र आयात भी जून की तुलना में जुलाई में 5.2 फीसदी घटकर 44 लाख बैरल प्रति दिन पर आ गया। मानसून के कारण रिफाइनरियों को रखरखाव के लिए बंद किया गया था। रूस से आयात 5.7 फीसदी गिरकर 18.5 लाख बैरल प्रतिदिन और सऊदी अरब से आयात 26 फीसदी गिरकर 4.70 लाख बैरल प्रतिदिन रह गया।
जुलाई में भी रूस भारत के लिए शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता था। उसके बाद इराक और सऊदी अरब थे। सऊदी अरब से आयात में कटौती के बावजूद, इराक, संयुक्त अरब अमीरात और नाइजीरिया से तेल की अधिक खपत के कारण भारत के जुलाई के कच्चे तेल में ओपेक की हिस्सेदारी मार्च के बाद से सबसे अधिक हो गई।