सरकारी क्षेत्र की जनरल बीमा कंपनियों को मिला 1.06 लाख करोड़ प्रीमियम

मुंबई- केंद्र सरकार की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, सरकारी क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनियों (पीएसजीआईसी) का एकत्र किया कुल प्रीमियम वित्त वर्ष 2019 में लगभग 80,000 करोड़ रुपए से बढ़कर वित्त वर्ष 2025 में लगभग 1.06 लाख करोड़ रुपए हो गया है।

समग्र सामान्य बीमा उद्योग ने भी वृद्धि दर्ज की, जिसमें कुल प्रीमियम संग्रह वित्त वर्ष 2024-25 में 3.07 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच गया। पीएसजीआईसी के साथ एक बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रीमियम संग्रह, बीमा पेनेट्रेशन और डेनसिटी, दावों के अनुपात सहित प्रमुख प्रदर्शन संकेतकों की समीक्षा की।

इस बैठक में वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सचिव एम. नागराजू और पीएसजीआईसी- न्यू इंडिया एश्योरेंस, यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस, ओरिएंटल इंश्योरेंस और नेशनल इंश्योरेंस, जनरल इंश्योरेंस कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (पुनर्बीमा), एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी ऑफ इंडिया लिमिटेड के प्रबंध निदेशकों के साथ-साथ वित्त मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

भारत में सामान्य बीमा की पहुंच जीडीपी के 1 प्रतिशत पर अपेक्षा से कम बनी हुई है। 2023 में वैश्विक औसत 4.2 प्रतिशत की तुलना में बीमा घनत्व में लगातार सुधार हुआ है, जो 2019 में 9 डॉलर था तो 2023 में बढ़कर 25 डॉलर पहुंच गया।

कोरोना महामारी के दौरान वित्त वर्ष 2021 में किए गए दावों के अनुपात पीएसजीआईसी के लिए 126 प्रतिशत और निजी बीमाकर्ताओं के लिए 105 प्रतिशत पर था। वित्त वर्ष 2024 तक, ये अनुपात पीएसजीआईसी के लिए 103 प्रतिशत, निजी बीमाकर्ताओं के लिए 89 प्रतिशत और एसएएचआई के लिए 65 प्रतिशत तक कम हो गए थे।

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