16,000 किलोमीटर दूर से तेल खरीदता है भारत, जानिए कौन से देश हैं वो

मुंबई- भारत ने पिछले महीने पहली बार अर्जेंटीना का मेडानीटो तेल भी आयात किया। भारत से अर्जेंटीना की हवाई दूरी करीब 16,000 किमी है। भारतीय रिफाइनरियों ने अमेरिका के नए प्रतिबंधों की 27 फरवरी की समयसीमा से पहले ज्यादा से ज्यादा रूसी तेल खरीदने की कोशिश की। इस समयसीमा के तहत कुछ ऊर्जा सौदों का निपटारा करना था। महीने के अंत में रूसी तेल से लदे लगभग आधा दर्जन जहाज भारतीय बंदरगाहों पर पहुंचे और मार्च में उनका तेल उतारा गया।

फरवरी में भारत का रूसी तेल आयात जनवरी के मुकाबले 3% कम होकर लगभग 1.54 मिलियन बैरल प्रतिदिन रह गया। इससे भारत के कुल तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी जनवरी 2024 के बाद सबसे कम हो गई। भारतीय रिफाइनरियों को डर था कि अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण रूसी तेल की सप्लाई बंद हो सकती है। इसलिए उन्होंने लैटिन अमेरिका और अफ्रीका से ज्यादा तेल खरीदना शुरू कर दिया है।

पश्चिमी देशों ने 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद उस पर कई प्रतिबंध लगाए थे। इसके बाद भारत रूस से सस्ता तेल खरीदने वाला सबसे बड़ा देश बन गया था। रूसी तेल के कम आयात से फरवरी में पेट्रोलियम निर्यात करने वाले देशों के संगठन OPEC के सदस्यों और पश्चिम अफ्रीकी देशों से तेल की हिस्सेदारी थोड़ी बढ़ गई।

भारत ने फरवरी में अफ्रीकी देशों से रोजाना करीब 330,000 बैरल क्रूड खरीदा जबकि जनवरी में यह आंकड़ा 143,000 बैरल था। इसी तरह दक्षिण अमेरिका से भी तेल का आयात 60% बढ़कर 453,600 बैरल हो गया। इससे भारत में रूस की तेल आयात हिस्सेदारी फरवरी में थोड़ी कम होकर लगभग 30.5% रह गई। वहीं, लैटिन अमेरिका की हिस्सेदारी बढ़कर 9% हो गई जो दिसंबर 2021 के बाद सबसे ज्यादा है।

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