घरेलू खपत के दम पर जीएसटी कलेक्शन 9.1 फीसदी बढ़कर 1.84 लाख करोड़
मुंबई- घरेलू खपत में वृद्धि और संभावित आर्थिक पुनरुद्धार के संकेत से फरवरी में सकल वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 9.1 प्रतिशत बढ़कर 1.84 लाख करोड़ रुपये हो गया है। शुद्ध संग्रह 8.1 प्रतिशत बढ़कर 1.63 लाख करोड़ रुपये रहा। फरवरी, 2024 में सकल संग्रह 1.68 लाख करोड़ और शुद्ध संग्रह 1.50 लाख करोड़ रुपये रहा था।
सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, सकल आधार पर केंद्रीय जीएसटी (सी जीएसटी) से 35,204 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एस जीएसटी) से 43,704 करोड़, एकीकृत जीएसटी (आई जीएसटी) से 90,870 करोड़ और मुआवजा उपकर से 13,868 करोड़ रुपये की वसूली हुई।
आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी के दौरान घरेलू लेनदेन से जीएसटी राजस्व 10.2 प्रतिशत बढ़कर 1.42 लाख करोड़ रुपये हो गया। आयात से 5.4 प्रतिशत बढ़कर 41,702 करोड़ रुपये रहा। कुल रिफंड 20,889 करोड़ रुपये था जो एक साल पहले की तुलना में 17.3 प्रतिशत अधिक है।
विश्लेषकों के मुताबिक, अगले महीने जब जीएसटी संग्रह आएगा तो उसमें महाकुंभ के कारोबार का असर दिख सकता है। ऐसा होता है तो बहुत अच्छा संग्रह दिखेगा। आयात संबंधी संग्रह की तुलना में घरेलू जीएसटी राजस्व में लगातार वृद्धि आत्मनिर्भर भारत नीतियों के प्रभावी कार्यान्वयन की ओर इशारा करती है। इस साल जनवरी में सकल संग्रह 1.96 लाख करोड़ रुपये रहा था।
हरियाणा, यूपी, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, मध्यप्रदेश और कर्नाटक जैसे बड़े विनिर्माण और उपभोक्ता राज्यों में जीएसटी संग्रह में 10 से 20 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि देखी गई है। तेलंगाना, गुजरात, असम, आ्ध्र प्रदेश और ओडिशा में 1 से 4 प्रतिशत की कम वृद्धि हुई है। चालू वित्त वर्ष (अप्रैल-फरवरी) में अब तक सकल जीएसटी संग्रह 9.4 प्रतिशत बढ़कर लगभग 20.13 लाख करोड़ रुपये हो गया है। शुद्ध जीएसटी संग्रह 8.6 प्रतिशत बढ़कर 17.79 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।