एक साल पहले की तुलना में जीडीपी में भारी गिरावट, 6.2 फीसदी रही रफ्तार

मुंबई- दिसंबर तिमाही में देश की जीडीपी 6.2% रही। पिछली तिमाही में जीडीपी दर 5.6% थी। यानी पिछली तिमाही के मुकाबले इसमें तेजी आई है। हालांकि, एक साल पहले 2023 की दिसंबर तिमाही में यह दर 9 फीसदी से ज्यादा थी, यानी उस तुलना में इसमें भारी गिरावट देखी गई है।

इस वृद्धि के पीछे अच्छा मानसून और सरकारी खर्च में बढ़ोतरी का हाथ रहा। वहीं ग्रामीण इलाकों में खपत बढ़ने से भी अर्थव्यवस्था में तेजी आई है। हालांकि, ट्रंप के टैरिफ से व्यापार को लेकर चिंता बनी हुई है। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर तिमाही की वृद्धि दर पिछली तिमाही (जुलाई-सितंबर) के 5.6 फीसदी से ज्यादा है। हालांकि, यह RBI के 6.8 फीसदी के अनुमान से कम रही।

अप्रैल-जून और जुलाई-सितंबर तिमाही में भी विकास दर केंद्रीय बैंक के अनुमान से कम रही थी। कमजोर GDP आंकड़े अर्थव्यवस्था में खपत और शेयर बाजार के प्रदर्शन से समझा जा सकता है। आर्थिक सर्वेक्षण 2025-26 में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.3 फीसदी से 6.8 फीसदी के बीच बढ़ने का अनुमान लगाया गया है। यह सर्वेक्षण 31 जनवरी को पेश किया गया था।

भारत की GDP 2023-24 में 8.2 फीसदी की प्रभावशाली दर से बढ़ी थी। इसके साथ ही भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहा। 2022-23 में अर्थव्यवस्था 7.2 फीसदी और 2021-22 में 8.7 फीसदी की दर से बढ़ी थी। कृषि विकास पिछले वर्ष के 1.5% से उल्लेखनीय सुधार करते हुए साल-दर-साल (YoY) 5.6% तक पहुंच गया।

मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में मंदी देखी गई, जो पिछले वर्ष के 14% से घटकर 3.5% YoY की दर से बढ़ी। निर्माण क्षेत्र 7% YoY की दर से बढ़ा, जो पिछले वर्ष दर्ज की गई 10% की वृद्धि से गिरावट है। औद्योगिक विकास पिछले वर्ष के 11.8% से घटकर 4.5% YoY रहा, जबकि सेवा क्षेत्र पिछले वर्ष के 8.3% से घटकर 7.4% YoY की दर से बढ़ा। अर्थशास्त्रियों को उम्मीद है कि आने वाले वित्तीय वर्ष में विकास में तेजी आएगी। इसमें जीडीपी वृद्धि का औसत पूर्वानुमान 6.6% रहेगा। अनुमान 5.9% और 7% के बीच हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *