न्यू इंडिया सहकारी बैंक का बोर्ड भंग, प्रतिबंध लागू, एक लाख ग्राहक बुरे फंसे
मुंबई- न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर छह महीने तक के लिए कई प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद, आरबीआई ने खराब प्रशासन का हवाला देते हुए इसके बोर्ड को एक साल तक के लिए भंग कर दिया। इसके बाद शुक्रवार को बड़ी संख्या में बैंक के ग्राहक इसकी शाखाओं में एकत्र हो गए। बैंक की कुल 28 शाखाएं हैं जिनमें ज्यादातर मुंबई में हैं। हालांकि, डिपॉजिट गारंटी के रूप में अधिकतम पांच लाख रुपये तक की रकम सुरक्षित है।
आरबीआई ने बैंक को नए कर्ज देने और छह महीने तक चालू या बचत खाते के जमा निकासी पर प्रतिबंध लगाया है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा, उसने एसबीआई के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक श्रीकांत को प्रशासक नियुक्त किया है। हालांकि, ऋणदाता को आरबीआई के निर्देशों में बताई गई शर्तों के अधीन जमा के विरुद्ध ऋण की भरपाई करने की अनुमति दी गई है। इसमें कर्मचारियों के वेतन, किराया और बिजली बिल जैसी कुछ जरूरी वस्तुओं के संबंध में खर्च हो सकता है।
मुंबई के अंधेरी में विजयनगर ब्रांच के बाहर जमा हुए अकाउंट होल्डर्स इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि उनका पैसा कब मिलेगा। कुछ लोगों ने कहा कि बैंक उनके सवालों का जवाब नहीं दे रहा है और यहां तक कि उसकी कस्टमर सपोर्ट सर्विसेज और ऐप भी काम नहीं कर रहे हैं।
बैंक की एक ग्राहक सीमा वाघमरे ने कहा, “हमने कल ही पैसे जमा किए, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं कहा… उन्हें हमें बताना चाहिए था कि ऐसा होने वाला है। अब वे कह रहे हैं कि हमें तीन महीने के भीतर अपना पैसा मिल जाएगा। हमें ईएमआई देना है, और पता नहीं हम इसे कैसे मैनेज करेंगे।”
रिजर्व बैंक ने कहा कि बैंक की मौजूदा नकदी स्थिति को देखते हुए निर्देश दिया गया है कि वह जमाकर्ता के बचत बैंक या चालू खातों या किसी अन्य खाते से किसी भी राशि की निकासी की अनुमति न दे। हालांकि, वेतन, किराया और बिजली के बिल जैसी कुछ आवश्यक चीजों पर खर्च करने की इजाजत है।
RBI ने बताया कि डिपॉजिटर्स डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन से 5 लाख रुपए तक डिपॉजिट इंश्योरेंस क्लेम अमाउंट पाने के हकदार होंगे। मार्च 2024 के अंत में सहकारी बैंक के पास 2436 करोड़ रुपए जमा थे।