दिहाड़ी कामगारों के लिए भी सामाजिक सुरक्षा, जल्द लॉन्च होगी प्रणाली

मुंबई- संगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों की तरह ही अब दिहाड़ी कामगार भी सामाजिक सुरक्षा के दायरे में आएंगे। सरकार जल्द ही इन लोगों के लिए एक सामाजिक सुरक्षा योगदान प्रणाली शुरू करने की तैयारी में है। इन श्रमिकों को नियोजित करने वाले प्लेटफार्मों को अपने भुगतान का एक तय हिस्सा काटकर कर्मचारी पेंशन योजना में जमा करना होगा। इसके एवज में सरकार जमा की गई राशि का 3 से 4 फीसदी अतिरिक्त योगदान कर सकती है।

एक रिपोर्ट के अनुसार, इस पहल में न केवल फूड डिलीवरी और राइड-हेलिंग प्लेटफॉर्म के कर्मचारी शामिल हैं, बल्कि सॉफ्टवेयर पेशेवर और अन्य कर्मचारी भी शामिल हैं। कुछ साल पहले लागू किए गए श्रम कोड में दिहाड़ी श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा प्रावधानों को शामिल किया गया था। हालाँकि, ये कोड अभी तक लागू नहीं किए गए हैं, क्योंकि कई राज्यों ने अभी तक इनके साथ तालमेल नहीं किया है।

दिहाड़ी कर्मचारी एक साथ कई प्लेटफार्मों पर काम करते हैं। भुगतान करने वाली संस्थाएं आसानी से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन के साथ निर्धारित राशि में कटौती और जमा कर सकती हैं। श्रम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हम विवरणों को अंतिम रूप दे रहे हैं। उम्मीद है कि इसे जल्द ही क्रियान्वित किया जाएगा। केंद्र श्रम संहिताओं को आगे बढ़ाने के लिए राज्यों के साथ सहयोग कर रहा है।

सामाजिक सुरक्षा संहिता में सामाजिक सुरक्षा कोष स्थापित करने के प्रावधान शामिल हैं। इसमें स्वास्थ्य, दुर्घटना और अन्य लाभ मिलते हैं। कुछ महीने पहले श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने सुझाव दिया था कि दिहाड़ी श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा का कार्यान्वयन श्रम कोड के पूर्ण कार्यान्वयन से पहले हो सकता है। इसके लिए एक पैनल गठित किया गया है।

दिहाड़ी श्रमिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना सरकार की एक प्रमुख प्राथमिकता बन गई है। कई सर्वेक्षणों में पर्याप्त सुरक्षा की कमी को उजागर किया गया है। श्रम मंत्रालय मौजूदा योजनाओं, जैसे आयुष्मान भारत और दुर्घटना-जीवन बीमा का लाभ गिग श्रमिकों तक पहुंचाने के लिए प्लेटफार्मों के साथ भी जुड़ रहा है। कुछ राज्यों ने सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों की घोषणा पहले ही कर दी है।

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