सस्ते स्मार्टफोन का निर्यात 34 फीसदी घटा, महंगे में 66 फीसदी तक उछाल 

मुंबई- सस्ते मोबाइल फोन के निर्यात में भारी गिरावट आ रही है। आंकड़ों के अनुसार, 20,000-30,000 रुपये वाले मोबाइल फोन के निर्यात में 33 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। 10,000-20,000 रुपये के सेगमेंट में 34 प्रतिशत और 10,000 रुपये से कम कीमत वाले फोन की शिपमेंट में 9 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। हालांकि, प्रीमियम और अल्ट्रा प्रीमियम श्रेणी में 60-66 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई है। 

आंकड़े बताते हैं कि देश से जनवरी-मार्च तिमाही में स्मार्टफोन निर्यात गिरकर 3.1 करोड़ यूनिट पर पहुंच गया है। साल-दर-साल आधार पर तिमाही में 19 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। लगातार तीसरी तिमाही में गिरावट के अलावा पहली तिमाही में यह अब तक की सबसे बड़ी गिरावट थी। 2022 में ज्यादा इन्वेंट्री, मांग में कमी और पुराने फोन की बढ़ती मांग से ऐसा हुआ। कुल निर्यात में 5जी फोन का हिस्सा 43 फीसदी तक पहुंच गया है।  

काउंटरपाइंट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यह भारत के स्मार्टफोन बाजार में पहली तिमाही में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट थी। साथ ही यह लगातार तीसरी तिमाही में गिरावट थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि 20 प्रतिशत शेयर के साथ, सैमसंग लगातार दूसरी तिमाही में भारतीय स्मार्टफोन बाजार में शीर्ष पर है। इसकी 5जी की नई ए सीरीज ने ऑफलाइन बाजार में अच्छा प्रदर्शन किया और निर्यात में 50 फीसदी का योगदान दिया।  

सैमसंग का अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट (45,000 रुपये से ऊपर) में मार्च 2023 की तिमाही में 247 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। एपल ने सालाना आधार पर 50 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की और मार्च 2023 तिमाही में इसकी 6 प्रतिशत हिस्सेदारी रही। रिपोर्ट के अनुसार, एपल ने ओवरऑल प्रीमियम सेगमेंट (30,000 रुपये) के साथ-साथ अल्ट्रा-प्रीमियम सेगमेंट (45,000 रुपये से ऊपर) में क्रमशः 36 प्रतिशत और 62 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ अपनी बढ़त बनाए रखी है।  

काउंटरप्वाइंट के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट प्राचीर सिंह ने कहा, प्रीमियमाइजेशन का चलन हर बीतती तिमाही के साथ मजबूत होता जा रहा है। प्रीमियम सेगमेंट की हिस्सेदारी 2022 की पहली तिमाही की तुलना में 2023 की पहली तिमाही में लगभग दोगुनी हो गई है। 

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