हवाई जहाज का किराया प्रयागराज के लिए पांच गुना तक बढ़ा, बुकिंग 162 प्रतिशत बढ़ी
नई दिल्ली। दिल्ली से प्रयागराज का हवाई किराया 5,748 रुपये और मुंबई से 6,381 रुपये हो गया है। भोपाल से प्रयागराज का हवाई किराया इस समय 17,796 रुपये हो गया है। यह एक साल पहले इसी समय 2,977 रुपये था। यानी पांच गुना का इजाफा हुआ है। बंगलूरू से किराया 89 फीसदी बढ़कर 11,158 रुपये और अहमदाबाद से 41 फीसदी बढ़कर 10,364 रुपये हो गया है।
इसी तरह लखनऊ और वाराणसी से भी हवाई किराया तीन से 21 फीसदी तक बढ़ गया है। सालाना आधार पर प्रयागराज के लिए उड़ान बुकिंग में 162 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जबकि लखनऊ और वाराणसी के लिए बुकिंग में क्रमशः 42 प्रतिशत और 127 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ से यूपी सरकार को भारी-भरकम कमाई की उम्मीद है। कारोबारी संगठन कैट का अनुमान है कि इस आयोजन से दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हो सकता है। दुनियाभर की बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी इसे भुनाने के लिए यहां पहुंच चुकी हैं। उधर, दिल्ली और मुंबई सहित अन्य स्थानों से प्रयागराज का हवाई किराया पांच गुना तक बढ़ गया है।
दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजन महाकुंभ से यूपी सरकार को भारी-भरकम कमाई की उम्मीद है। कारोबारी संगठन कैट का अनुमान है कि इस आयोजन से दो लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का कारोबार हो सकता है। दुनियाभर की बहुराष्ट्रीय कंपनियां भी इसे भुनाने के लिए यहां पहुंच चुकी हैं। उधर, दिल्ली और मुंबई सहित अन्य स्थानों से प्रयागराज का हवाई किराया पांच गुना तक बढ़ गया है।
स्टालों पर उत्पाद प्रदर्शित करने से लेकर तीर्थयात्रियों के लिए विश्राम शिविर स्थापित करने तक उपभोक्ता सामान कंपनियां महाकुंभ में ब्रांडों का प्रदर्शन करने के लिए पूरा जोर लगा रही हैं, क्योंकि श्रद्धालु संगम में पवित्र स्नान करने के लिए रिकॉर्ड संख्या में आ रहे हैं। डेटॉल, डाबर, पेप्सिको, कोका-कोला सहित शीर्ष ब्रांड और आईटीसी और रिलायंस जैसे कॉरपोरेट घरानों ने शिविर आश्रम स्थापित किए हैं। अपने उत्पादों के प्रदर्शन के साथ जलपान वितरित कर रहे हैं।
कोका-कोला इंडिया और इसके फाउंडेशन आनंदन ने पर्यावरण के अनुकूल कदमों को बढ़ावा देने के लिए पीएचडी रूरल डेवलपमेंट फाउंडेशन (पीएचडीआरडीएफ) और प्रयागराज मेला प्रशासन (पीएमए) के साथ गठजोड़ किया है। इस साझेदारी के तहत कचरा प्रबंधन एवं रीसाइकिलिंग के लिए इनोवेटिव सॉल्यूशंस को बढ़ावा देते हुए सामाजिक एवं पर्यावरणीय प्रभाव सृजित करने पर फोकस किया गया है। कोका कोला इंडिया की उपाध्यक्ष देवयानी राणा ने कहा, कोका कोला इंडिया में हम सार्थक बदलाव लाने में इनोवेशन की ताकत पर विश्वास करते हैं। ये पहल दिखाती हैं कि कैसे रीसाइकिलिंग की मदद से हम कचरे को मूल्यवान संसाधन बना सकते हैं।
मैदान साफ कैंपेन के तहत कोका-कोला इंडिया ने सफाई कर्मियों, नाविकों और कचरा प्रबंधन में लगे वॉलंटियर्स के बीच 21,500 रीसाइकिल्ड पीईटी जैकेट्स वितरित की हैं। इसमें स्वच्छ कुम्भ पहल से जुड़े सफाई कर्मियों को 10,000 जैकेट, नदी पार करते समय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए 4000 नावों को चलाने वाले नाविकों को 10,000 लाइफ जैकेट और कचरा प्रबंधन के लिए काम कर रहे वॉलंटियर्स को 1,500 जैकेट प्रदान की गई हैं। मैदान साफ पहल के माध्यम से हमारा लक्ष्य करोड़ों लोगों को कचरा कम करने में मदद की दिशा में साझा कदम उठाने के लिए प्रेरित करना और कचरा प्रबंधन की व्यवस्था को बेहतर बनाने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करना है। इससे यह सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी कि प्रोडक्ट्स की पैकेजिंग का पुन: प्रयोग किया जा सके।
पीएचडीआरडीएफ के सीईओ विवेक व्यास ने कहा, महा कुम्भ मेला विश्वास, संस्कृति एवं परंपरा का पवित्र संगमहै। कोका-कोला इंडिया के साथ यह साझेदारी इस ऐतिहासिक आयोजन के दौरान पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। चेंजिंग रूम, लाइफ जैकेट और हाइड्रेशन कियोस्क जैसी रीसाइकिल्ड प्लास्टिक से जुड़ी पहल को पेश करते हुए हम स्वच्छ, सुरक्षित और पर्यावरण के अनुकूल कुम्भ को लेकर एक मानक स्थापित कर रहे हैं। ये प्रयास स्वच्छ एवं सुरक्षित कुम्भ के हमारे लक्ष्य के अनुरूप हैं, जहां आने वाली पीढ़ियों पर स्थायी प्रभाव डालने के लिए आधुनिक तकनीकों को पारंपरिक मूल्यों के साथ जोड़ा गया है।