गलत बिक्री, फीस और व गड़बड़ियों के लिए फंड हाउस का ट्रस्टी जिम्मेदार 

मुंबई- म्यूचुअल फंड उद्योग में मिस-सेलिंग, कर्मचारियों की ओर से बाजार के दुरुपयोग और अन्य गड़बड़ियों के लिए अब ट्रस्टी जिम्मेदार होंगे। पूंजी बाजार नियामक सेबी ने कहा, इसके लिए म्यूचुअल फंड नियम बनाएं। इस आदेश को एक जनवरी, 2024 से लागू किया जाएगा। 

सेबी ने शुक्रवार को जारी आदेश में यूनिटधारकों के हितों की रक्षा को लेकर ट्रस्टियों की भूमिका और जवाबदेही बढ़ा दी है। नियामक ने कहा, एसेट मैनेजमेंट कंपनी (एएमसी) के बोर्ड एक यूनिट धारक सुरक्षा समिति (यूएचपीसी) का गठन करेंगे। नियामक ने म्यूचुअल फंड के ट्रस्टियों की मुख्य जिम्मेदारियों को तय किया है। इसमें उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि एएमसी को संपत्ति का आधार बढ़ाने के लिए गलत बिक्री को रोकने के लिए पर्याप्त प्रणालियां हैं। 

ट्रस्टियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि एएमसी के पास कर्मचारियों और संबंधित संस्थाओं द्वारा बाजार के दुरुपयोग को रोकने के लिए प्रणाली है। ट्रस्टी एएमसी के स्तर पर सिस्टम-स्तरीय जांच करने के लिए जिम्मेदार होंगे, ताकि वितरकों की ओर से गलत बिक्री सहित धोखाधड़ी वाले लेनदेन को रोका जा सके। 

म्यूचुअल फंड को एएमसी की ली जाने वाली फीस और खर्चों की निष्पक्षता सुनिश्चित करनी होगी। समकक्ष कंपनियों साथियों या उचित बेंचमार्क के प्रदर्शन के मुकाबले अपनी योजनाओं में एएमसी के प्रदर्शन की समीक्षा करनी होगी। ट्रस्टी उन फोलियो के लिए एएमसी के उठाए गए कदमों की समय-समय पर समीक्षा करने के लिए जिम्मेदार होंगे जिनमें बैंक के साथ केवाईसी शामिल नहीं हैं। 

मुख्य जिम्मेदारियों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए ट्रस्टी ऑडिट फर्मों, कानूनी फर्मों, मर्चेंट बैंकरों आदि पर भरोसा कर सकते हैं। यदि किसी कंपनी को म्यूचुअल फंड के ट्रस्टी के रूप में नियुक्त किया जाता है, तो उस ट्रस्टी कंपनी के निदेशक मंडल का अध्यक्ष एक स्वतंत्र निदेशक होगा। जिसने पहले ही ट्रस्टी नियुक्त किया है, उसे यह नियम छह माह में पूरा करना होगा। एएमसी और ट्रस्टी कंपनी के निदेशक मंडल साल में कम से कम एक बार बैठक करेंगे और म्यूचुअल फंड से संबंधित मुद्दों और भविष्य की कार्रवाई पर चर्चा करेंगे। 

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