बड़े लोग संपत्तियां बनाने के लिए लेते हैं कर्ज, छोटे लोग घर चलाने के लिए
मुंबई- अगर आपने पर्सनल लोन या क्रेडिट कार्ड का बिल नहीं चुकाया, तो आपके होम लोन या कार लोन पर भी मुसीबत आ सकती है। आरबीआई रिपोर्ट के मुताबिक, अगर आप छोटे कर्ज पर डिफॉल्ट करते हैं, तो बैंक आपके सभी कर्ज को गैर-निष्पादित संपत्ति (NPA) मान सकते हैं।
सबसे ज्यादा डिफॉल्ट पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड जैसे बिना गारंटी वाले कर्ज में होते हैं। ऐसे लोग, जिन्होंने इन छोटे कर्जों के साथ घर या गाड़ी के लिए बड़े कर्ज भी लिए हैं, उनके लिए खतरा ज्यादा बढ़ जाता है।
करीब आधे उधारकर्ताओं ने क्रेडिट कार्ड और पर्सनल लोन के साथ-साथ होम लोन या व्हीकल लोन जैसे बड़े कर्ज भी ले रखे हैं। ₹50,000 से कम के पर्सनल लोन लेने वाले 11% लोग अपने कर्ज चुकाने में देरी कर रहे हैं। खास बात यह है कि इन उधारकर्ताओं में से 60% के पास तीन या उससे ज्यादा कर्ज हैं, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति और अधिक दबाव में आ सकती है।
महामारी के बाद उपभोक्ता कर्ज में जबरदस्त तेजी आई थी। यह हर साल 20.6% की रफ्तार से बढ़ा, जबकि कुल कर्ज की ग्रोथ 14.8% रही। लेकिन, नवंबर 2023 में आरबीआई ने इस तेजी पर ब्रेक लगाने के लिए कड़े नियम लागू किए। इसके बाद उपभोक्ता कर्ज की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई है।
बैंकों और NBFC के लिए उपभोक्ता कर्ज में डिफॉल्ट की स्थिति भले ही स्थिर है, लेकिन पर्सनल लोन और क्रेडिट कार्ड जैसे अनसिक्योर्ड लोन में बैड लोन (NPA) बढ़ रहा है। साथ ही, खराब खातों (SMA-2) से एनपीए बनने का ट्रेंड भी ऊपर जा रहा है।
भारत का घरेलू कर्ज अभी भी जीडीपी का सिर्फ 43% है, जो अन्य देशों के मुकाबले काफी कम है। लेकिन पिछले तीन सालों में इसमें बढ़ोतरी जरूर हुई है। दिलचस्प बात यह है कि कम रेटिंग वाले उधारकर्ता कर्ज का इस्तेमाल ज्यादातर पर्सनल यूज के लिए करते हैं, जबकि बेहतर रेटिंग वाले लोग इसे संपत्ति बनाने, खासतौर पर घर खरीदने के लिए लेते हैं।
आरबीआई का मानना है कि जब ज्यादा रेटिंग वाले लोग कर्ज का इस्तेमाल संपत्ति बनाने में करते हैं, तो यह देश की वित्तीय स्थिरता के लिए फायदेमंद होता है। लेकिन, बढ़ते डिफॉल्ट और कर्ज के दबाव को देखते हुए हर उधारकर्ता को सावधान रहने की जरूरत है। तो, अगर आपने पर्सनल लोन लिया है या क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया है, तो समय पर चुकाना न भूलें, क्योंकि छोटे कर्ज की चूक बड़ी मुसीबत बन सकती है!