उद्धव ठाकरे के प्रति शिंदे हुए नरम, कहा 2022 के पहले के सभी फंड वापस देंगे

मुंबई- महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों महायुति की प्रचंड जीत के बाद शिवसेना यूबीटी चीफ उद्धव ठाकरे नागपुर में सीएम देवेंद्र फडणवीस से मिलकर सभी को चौंका दिया था। दोनों नेताओं के बीच 15 मिनट तक बातचीत भी हुई थी। इससे सियासत गरमा गई थी। उद्धव ठाकरे शिवसेना के दो फाड़ होने के बाद औपचारिक तौर पर पहली बार फडणवीस से मिले थे।

अब चुनावों के बाद डिप्टी सीएम बने एकनाथ शिंदे उद्धव ठाकरे पर नरम हुए हैं। एकनाथ शिंदे ने 2022 से पहले का फंड उद्धव ठाकरे को लौटाने का फैसला किया है। शिवसेना में दो फाड़ होने के बाद शिवसेना और चुनाव चिन्ह एकनाथ शिंदे को मिल गए थे। उद्धव ठाकरे को नई पार्टी बनानी पड़ी थी। उन्होंने अपने नई पार्टी का नाम शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) रखा था।

शिंदे ने राजनीतिक कड़वाहट को भुलाकर नई मिसाल कायम करने का फैसला किया है। शिंदे उद्धव ठाकरे को शिवसेना के खाते में 2022 से पहले की रकम लौटाने का राजी हो गए हैं। शिंदे के इस फैसले पर अभी उद्धव गुट से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। जब शिवसेना में बगावत हुई थी तो 40 विधायक शिंदे के साथ चले गए थे। इसके बाद उद्धव ठाकरे को सीएम की कुर्सी भी छोड़नी पड़ी थी।

रिपोर्ट में दावा किया गया है शिंदे ने इस फैसले की जानकारी उद्धव ठाकरे को दे दी है। ऐसा माना जा रहा है कि आर्थिक संकट से जूझ रहे उद्धव ठाकरे को इससे राहत मिलेगी। पहली बार शिंदे का नरम रुखमहाराष्ट्र में शिवसेना के टूटने और शिंदे और उद्धव के अलग होने के बाद पहली बार मतभेद कम करने वाला फैसला सामने आया है।

शिवसेना के दो फाड़ होने के बाद शिंदे ने कहा था कि वह शिवसेना की संपत्ति और बैंक में मौजूद पैसों पर दावा नहीं करेंगे। इसके मुताबिक, एकनाथ शिंदे ने 2022 से पहले शिवसेना के बैंक खाते में आए पैसे को शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे को देने का फैसला किया है।

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