रिलायंस के शेयरों की पिटाई, एक हफ्ते में 5 पर्सेंट टूटकर एक साल के निचले स्तर पर
मुंबई- रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) के शेयर शुक्रवार को इंट्रा-डे कारोबार में BSE पर 1.7 फीसदी की गिरावट के साथ 52 सप्ताह के निचले स्तर 1210.15 रुपए पर पहुंच गया। यह अपने पिछले दिन की लगभग 2 फीसदी की गिरावट को और बढ़ाता है। एक हफ्ते में बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) के लिहाज से देश की सबसे मूल्यवान कंपनी के शेयर मूल्य में 5 फीसदी की गिरावट आई है।
इस सप्ताह में RIL के बाजार पूंजीकरण में 85,525 करोड़ रुपये की गिरावट देखी गई है। इसकी तुलना में इसी समय में BSE सेंसेक्स में 4.4 फीसदी की गिरावट आई है। 8 जुलाई 2024 को जब RIL अपने रिकॉर्ड स्तर 1608.95 रुपये पर पहुंचा था, उससे 24 प्रतिशत नीचे आ चुका है।
विश्लेषकों का मानना है कि रिटेल कारोबार और रिलायंस Jio में अधिक खर्च के साथ-साथ फ्री कैश फ्लो (FCF) की कमी के चलते RIL का प्रदर्शन खराब रहा। हालांकि, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज ने 9 दिसंबर की अपनी रिपोर्ट में कहा कि पूंजीगत खर्च अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है और उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2024-27 के दौरान RIL करीब एक लाख करोड़ रुपये का FCF जनरेट करेगा।
जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज के विश्लेषकों का मानना है कि कि RIL के शेयर की कीमत में हालिया कमजोरी मुख्य रूप से ब्याज, टैक्स, डेप्रिसिएशन और अमॉर्टाइजेशन अनुमान से पहले वित्त वर्ष 25 की आम सहमति आय में 5-6 प्रतिशत की गिरावट के कारण है। ब्रोकरेज फर्म ने कहा कि Jio की लिस्टिंग टाइमलाइन पर सीमित स्पष्टता ने कमजोरी को और बढ़ा दिया।
RIL का शेयर अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से नीचे आ गया है क्योंकि Jio और रिटेल के संभावित IPO में देरी के कारण शेयर के प्रति उत्साह कम होते जा रहा है। खुदरा कारोबार में धीमी बढ़ोतरी एक और नकारात्मक कारण रहा है। CLSA के विश्लेषकों ने 13 नवंबर 2024 को एक रिपोर्ट में कहा कि Jio और रिटेल में सुधार अभी भी ध्यान का केंद्र बना हुआ है, लेकिन नई ऊर्जा परियोजनाओं की शुरुआत एक संभावित स्रोत है, जिसे शेयर संभवत: अनदेखा कर रहा है।