यूपी में बिल्डर और खरीददार का एग्रीमेंट भी होगा रजिस्टर्ड, नहीं होगी धोखाधड़ी

मुंबई- उत्तर प्रदेश सरकार ने एक नया फैसला किया है। अब फ्लैट खरीददार के साथ साथ बिल्डर्स की भी टेंशन बढ़ा रहा है। इसमें बिल्डर और खरीददार के एग्रीमेंट को भी रजिस्टर्ड कराने को कहा गया है।

यूपी सरकार ने फैसला किया है कि यदि कोई खरीददार बिल्डर को फ्लैट की कीमत का 10% भुगतान पर एग्रीमेंट करता है तो इसकी भी रजिस्ट्री करानी होगी। इस फैसले ने खरीदारों और डेवलपर्स दोनों के बीच काफी आशंका पैदा कर दी है। मकान के खरीदारों को सरकारी रिकॉर्ड में इसका पंजीकरण सुनिश्चित करने के लिए संपत्ति के मूल्य की एक प्रतिशत राशि स्टांप शुल्क के रूप में देना अनिवार्य है। इसके अतिरिक्त, उन्हें नोएडा और ग्रेटर नोएडा में दस्तावेजीकरण को अंतिम रूप देने के लिए संपत्ति के मूल्य का 1% पंजीकरण शुल्क भी देना होगा।

यूपी सरकार की यह नीति अन्य राज्यों में चली आ रही प्रथाओं से अलग है। उन राज्यों में बिक्री समझौते में आम तौर पर 1,000 रुपये से 10,000 रुपये तक के न्यूनतम स्टांप पेपर शुल्क शामिल होते हैं। वर्तमान में, खरीदार और बिल्डर 100 रुपये के स्टांप पेपर पर एक प्रारंभिक समझौता करते हैं। इसमें अथॉरिटी तभी इनवॉल्व होता है जबिक डेवलपर को ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट और प्रोजेक्ट का कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिल जाता है।

मकान के खरीदारों और रियल एस्टेट क्षेत्र दोनों पर इसका प्रभाव पड़ेगा। क्योंकि यह मकान के खरीदारों पर अनावश्यक वित्तीय बोझ डालता है। उन्हें बुकिंग के समय पहले से ही एक बड़ी राशि का इंतजाम करना होता है। अन्य राज्यों में, बिक्री समझौते को 1,000 रुपये से 10,000 रुपये के बीच के मामूली स्टांप पेपर पर संसाधित किया जाता है, जो यहां नहीं है। प्रस्तावित 1% गैर-वापसी योग्य पंजीकरण शुल्क जो प्रावधान का हिस्सा है, वह भी खरीदारों के लिए सीधा नुकसान है। कैंसिलेशन के मामले में वापसी नीति पर स्पष्टता की कमी से बेचैनी बढ़ जाती है।

आम तौर पर किसी भी प्रोजेक्ट में 15-20% बुकिंग विभिन्न कारणों से कैंसिल कर दी जाती है। इसे RERA द्वारा भी अनिवार्य किया गया है। हालांकि, ‘नए विनियमन से उन खरीदारों की वित्तीय स्थिति पर काफी असर पड़ेगा जो अपनी बुकिंग रद्द करना चाहते हैं, क्योंकि वे पहले से ही अप्रत्याशित चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। यह प्रावधान नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे और वास्तव में पूरे राज्य में सेक्टर को काफी हद तक बाधित करेगा। यह क्षेत्र रियल एस्टेट राज्य की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख हिस्सा बनकर उभरा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *