गेहूं महंगा, आवक में भारी कमी के कारण प्याज का भाव भी 5 साल के शीर्ष पर
मुंबई- गेहूं के भाव में तेजी देखने को मिल रही है। इसकी वजह आवक में कमी होना माना जा रहा है। साथ ही गेहूं मांग मजबूत होने से इसके भाव बढ़ने को सहारा मिल रहा है। कारोबारियों का कहना है कि अगर सरकार जल्द खुले बाजार में गेहूं की बिक्री नहीं की तो भाव और चढ़ सकते हैं। उधर, प्याज का भाव थोक बाजार में 5 साल के शीर्ष पर पहुंच गया है। यह 5400 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।
प्याज का भाव लगातार 70 रुपये किलो से ज्यादा ऊपर है। इससे लोगों के किचन का भाव बिगड़ गया है। प्याज की आवक कम होने और फसल बर्बाद होने से कीमतों में तेजी आई है। हाल ही में सरकार ने गेहूं की कीमतों में तेजी को देखते हुए इसके भाव नियंत्रित करने के लिए 30 रुपये किलो के रियायती भाव पर आटा की बिक्री शुरू की है। इस समय खुदरा बाजार में आटा की औसत खुदरा कीमत 36.95 रुपये किलो है।
महीने भर से गेहूं के दाम धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। दिल्ली में गेहूं के भाव बढ़कर 3,200 रुपये प्रति क्विंटल के करीब पहुंच चुके हैं। पिछले एक महीने में इसकी कीमतों में 150 से 200 रुपये क्विंटल की तेजी आ चुकी हैं। इस साल गेहूं की कीमतों में करीब 13 फीसदी इजाफा हुआ है। उत्तर प्रदेश की हरदोई मंडी में गेहूं 2,800 रुपये क्विंटल बिक रहा है। 15 दिन में ही भाव 60 से 80 रुपये क्विंटल चढ़ चुके हैं। पिछले महीने मंडी में करीब 5,000 क्विंटल गेहूं की आवक हो रही थी। अब यह आंकड़ा गिरकर 2 से 3 हजार रह गया है।