ट्रंप- मोदी के रिश्ते कारोबार को दे सकते हैं नए पंख, आसान हो सकता है कारोबार
मुंबई- डोनाल्ड ट्रंप की जीत के साथ ही अब भारत और अमेरिका में कारोबार को नए सिरे से परिभाषित करने और बढ़ावा देने की तैयारी हो सकती है। अगर अमेरिका कुछ सकारात्मक कदम उठाता है तो भारत भी अमेरिकी कंपनियों के लिए आसान बाजार पहुंच की पेशकश कर सकता है। दोनों देशों के बीच लंबे समय से उच्च टैरिफ को लेकर विवाद है।
सूत्रों के मुताबिक, ट्रंप ने हाल ही में भारत को व्यापार संबंधों का बहुत बड़ा दुरुपयोगकर्ता करार दिया था। अपने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान अमेरिका द्वारा सभी आयातों पर टैरिफ बढ़ाने का उन्होंने वादा भी कर दिया था। 2017 से 2021 तक राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने टैरिफ को लेकर भारत के साथ युद्ध किया, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बेहतर संबंध बनाए रखा।
हालांकि, ट्रंप के कार्यकाल के अंतिम समय में भारत और अमेरिका अपने मतभेदों को पाटने के प्रयास में एक सीमित समझौते पर बातचीत करने पर सहमत हुए। एक सूत्र ने बताया, अगर इसका अर्थ भारतीय वस्तुओं के लिए बेहतर व्यापार शर्तों का मतलब है तो भारत अमेरिकी कंपनियों के प्रवेश के लिए टैरिफ कम करने के लिए तैयार है।
सूत्रों के मुताबिक, अमेरिकी कंपनियों के लिए भारत ऑटोमोबाइल जैसे क्षेत्रों में आयात शुल्क कम कर सकता है। ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान अमेरिका में भारत के राजदूत रहे हर्ष वर्धन श्रृंगला ने कहा, उस दौरान हमारे बीच काफी अच्छा तालमेल था। मुझे लगता है कि उनका दूसरा कार्यकाल और भी बेहतर होगा, क्योंकि दोनों पक्षों ने एक आपसी समझ और सम्मान विकसित किया है, खासकर लीडर के स्तर पर।
श्रृंगला ने कहा, ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भारत ने एक मिनी व्यापार सौदा लगभग पूरा कर लिया था। पर कोरोना के कारण यह आगे नहीं बढ़ पाया। अब उनके दूसरे कार्यकाल के समय एक मुक्त व्यापार समझौते को समाप्त करने की गुंजाइश है। भारत ट्रंप के इस कार्यकाल में अमेरिका के साथ अपने व्यापार संबंधों को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं है, क्योंकि चीन उनके टैरिफ खतरों के लिए मुख्य रूप से केंद्र में है। भले ही व्हाइट हाउस पर किसी का भी कब्जा हो, पिछले दशक में दोनों देशों के बीच व्यापार संबंध लगातार बढ़े हैं।
एक सूत्र ने कुछ समय पहले कहा कि व्यापार मामलों में ट्रंप का नजरिया लेन-देन वाला है। इससे भारत को बातचीत में मदद मिलती है। ट्रंप के साथ मधुर संबंधों का दावा करने वाले मोदी दुनिया के उन पहले नेताओं में से एक थे, जिन्होंने उनकी ऐतिहासिक जीत के बाद उनसे टेलीफोन पर बात की। 2023 में 120 अरब डॉलर के माल और सेवाओं के निर्यात के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका भारत का शीर्ष निर्यात गंतव्य है।