रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों ने तीन महीने में दिया 16 पर्सेंट का घाटा, ये है भाव

मुंबई- देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज की कीमत में पिछले तीन महीने में 16% गिरावट आई है। लेकिन जानकारों का कहना है कि कंपनी के शेयर एक बार फिर आकर्षक हो गए हैं। इसकी वजह यह है कि निवेशक रिटेल और O2C बिजनस में में मंदी के प्रभाव को ध्यान में रख रहे हैं।

कंपनी का शेयर बीएसई पर 2,696 रुपये पर है। एनालिस्ट्स का कहना है कि कम से कम चार कारण रिलायंस के शेयरों में भविष्य में तेजी ला सकते हैं। गोल्डमैन सेश के एनालिस्ट निखिल भंडारी ने कहा कि वर्तमान स्तरों पर रिलायंस का जोखिम-लाभ आकर्षक बना हुआ है। जेफरीज ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में, जब भी स्टॉक मूल्यांकन के वर्तमान स्तर पर गिरा, निवेशकों ने स्टॉक में एंट्री करके पैसा कमाया।

जेपी मॉर्गन ने कहा कि ऐसे बाजार में जहां अधिकांश शेयर ऐतिहासिक मूल्यांकन से काफी ऊपर कारोबार कर रहे हैं, रिलायंस के शेयर की कीमत निवेशकों को आकर्षित कर रही है। मंगलवार को कंपनी का शेयर दो फीसदी गिरावट के साथ बंद हुआ। कम से कम 6 ब्रोकरेज ने इस शेयर के टारगेट प्राइस को घटाया है। इनमें जेपी मॉर्गन, जेफरीज, नोमुरा, यूबीएस, एक्सिस कैपिटल और सिटी शामिल हैं।

जुलाई से लागू टैरिफ बढ़ोतरी और फिक्स्ड ब्रॉडबैंड में देखी गई मजबूत गति के कारण जियो का एवरेज रेवेन्यू पर यूजर दूसरी तिमाही में 7% बढ़कर 195 रुपये हो गया। रिलायंस को उम्मीद है कि जुलाई में टैरिफ बढ़ोतरी अगली 2-3 तिमाहियों के लिए एआरपीयू को और अधिक बढ़ा सकती है। गोल्डमैन सेश ने मार्च 2025 में जियो के लिए 216 रुपये का एक्जिट एआरपीयू का अनुमान लगाया है। जेफरीज ने कहा कि मोबाइल में बढ़ते टैरिफ और होम ब्रॉडबैंड बिजनेस के स्केल अप को देखते हुए जियो का शेयर वित्त वर्ष 2025-27 में रेवेन्यू/ईबीआईटीडीए में सालाना 20% से 25% रिटर्न देने के लिए अच्छी स्थिति में है।

आरआईएल से जियो और रिटेल बिजनेस को अलग करने से आरआईएल के शेयरधारकों के लिए मूल्य का सृजन हो सकता है। अगले कुछ वर्षों में आईपीओ या जियो और रिटेल बिजनेस के डीमर्जर के जरिए लिस्टिंग से आरआईएल के शेयरों में उछाल आ सकती है।

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