एनएसई और इसके पूर्व एमडी सहित 8 ने सेबी को दिया 643 करोड़ रुपये दंड
मुंबई- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), इसके पूर्व प्रमुख विक्रम लिमये और आठ अन्य ने शुक्रवार को बाजार नियामक सेबी के साथ एक मामले का निपटारा किया। यह मामला एक्सचेंज की टीएपी (कारोबार पहुंच बिंदु) प्रणाली की कमियों को दूर करने में कथित विफलता से संबंधित है। इसके लिए 643 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
यह एक बड़ी निपटान राशि है और इससे एनएसई के बहुप्रतीक्षित आईपीओ लाने का रास्ता साफ होगा, जिसमें ‘को-लोकेशन’ मुद्दे के चलते देरी हो रही थी। एनएसई और लिमये के अलावा, मामले का निपटारा करने वालों में उमेश जैन, जी एम शेनॉय, नारायण नीलकांतन, वी आर नरसिम्हन, कमला के, नीलेश तिनेकर, आर नंदकुमार और मयूर सिंधवाड़ शामिल हैं।
टीएपी को 2008 में कारोबारी सदस्यों और एनएसई की कारोबार प्रणाली के बीच संचार का प्रबंधन करने के लिए पेश किया गया था। इस प्रणाली को लेकर सुरक्षा चूक, सुधार में देरी और शिकायतों पर अपर्याप्त कार्रवाई सहित कई मुद्दे थे। वैकल्पिक प्रणालियों को पेश करने के बावजूद, टीएपी का उपयोग इक्विटी के लिए 2019 तक और अन्य खंडों के लिए 2020 तक जारी रहा।
सेबी ने अपने निपटान आदेश में कहा कि एनएसई ने अपनी और अन्य आवेदकों की ओर से 25 सितंबर को 643 करोड़ रुपये की निपटान राशि का भुगतान किया है, जिसके बाद मामले का निपटारा किया जाता है।