आईटी में इस साल गईं 124,000 से ज्यादा नौकरियां, एक बार फिर से होगी छंटनी
मुंबई- वैश्विक स्तर पर अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता और देशों के बीच तनाव से सूचना प्रौद्योगिकी यानी आईटी क्षेत्र पर बुरा असर पड़ रहा है। इसका परिणाम यह हुआ कि इस साल वैश्विक स्तर पर 384 कंपनियों ने कुल 1.24 लाख को नौकरी से निकाल दिया है। चिंताजनक यह है कि कंपनियां अब दूसरी छमाही में दूसरे चरण की छंटनी की तैयारी कर रही हैं।
आंकड़ों के मुताबिक, वैश्विक स्तर की बड़ी टेक कंपनियां ज्यादा वेतन वालों की छंटनी तेजी से कर रही हैं। इनकी जगह पर नए युवाओं को कम वेतन पर भर्ती कर रही हैं। आईबीएम ने मुख्य रूप से वरिष्ठ प्रोग्रामर, बिक्री और सहायक कर्मचारियों की छंटनी का दूसरा दौर शुरू किया है। कंपनी भले ही कर्मचारियों की छंटनी कर रही है, लेकिन वर्ष के अंत में कर्मचारियों की संख्या लगभग उतनी ही होगी जितनी शुरुआत में थी।
हेल्थटेक स्टार्टअप डोजी ने घाटे को कम करने के लिए भारत में 40 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। वीट्रांसफर ने कर्मचारियों की संख्या में 75% की कटौती की है। प्राइस वाटर हाउस कूपर्स यानी पीडब्ल्यूसी ने लगभग 1,800 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया है। यह 2009 के बाद से सबसे बड़ी कटौती की है।
सिस्को ने छंटनी का सिलसिला जारी रखा है। अगस्त में 7% छंटनी की घोषणा की थी। इससे लगभग 5,600 कर्मचारी प्रभावित हुए। फरवरी में पहले दौर की छंटनी में 4,000 कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। इन कर्मचारियों को छंटनी की जानकारी 16 सितंबर को दी गई।
माइक्रोसॉफ्ट एक्सबॉक्स गेमिंग विभाग से 650 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही है। नौकरी में कटौती ने मुख्य रूप से कॉरपोरेट और सहायक भूमिकाओं को प्रभावित किया। पहले दौर में 1,900 कर्मचारी निकाले गए थे।
स्मार्टफोन चिप निर्माता क्वालकॉम साल के अंत में सैन डिएगो में 226 कर्मियों की छंटनी करेगी। पहले चरण में 1,250 से अधिक कर्मचारियों को निकाल दिया था। डेल टेक्नोलॉजीज ने कहा, पीसी की मांग में धीमी गति से सुधार के बीच लागत प्रबंधन पर विशेष ध्यान देने के साथ 2024 तक कार्यबल को कम करना जारी रखेगी।
वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान आईटी सेवा क्षेत्र में नई नियुक्तियों में महत्वपूर्ण उछाल की उम्मीद है। प्रवेश स्तर की नियुक्तियां पिछले वित्त वर्ष की तुलना में लगभग दोगुनी होकर 150,000 हो सकती है।