2029-30 तक होगा पांच लाख करोड़ रुपये का होगा कंज्यूमर ड्यूरेबल बाजार

नई दिल्ली। देश का कंज्यूमर ड्यूरेबल बाजार वित्त वर्ष 2029-30 तक पांच लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा। 2027 तक यह दुनिया का चौथा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा। भारतीय उद्योग परिसंघ यानी सीआईआई के अनुसार, देश के उत्पाद वैश्विक विश्वसनीयता की ओर बढ़ रहे हैं, लेकिन एक मजबूत परिवेश का निर्माण करना व वैश्विक स्तर पर भारतीय मानकों को पहुंचाना भी जरूरी है।

सीआईआई के मुताबिक, अगले दशक में इस क्षेत्र में वैल्यू चेन में कई अवसर पैदा होने की उम्मीद है। भारत पहले से ही दुनिया में उपभोक्ता वस्तुओं के लिए सबसे तेजी से बढ़ता प्रमुख बाजार है। वैश्विक स्तर पर भारतीय मानकों को अपनाकर और बढ़ावा देकर हम अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी प्रतिष्ठा बढ़ा सकते हैं। यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हमारे उत्पाद दुनियाभर के ग्राहकों की अपेक्षाओं पर खरे उतरें।

सीआईआई के मुताबिक, कंज्यूमर ड्यूरेबल घटक निर्माताओं को टैरिफ या गैर-टैरिफ बाधाओं से संरक्षित किया जाना चाहिए, ताकि विक्रेताओं को भारत में स्थानीयकरण को सफल बनाने के लिए इकोसिस्टम में निवेश करने में सक्षम बनाया जा सके। मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) को लागत कम करने और विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धी होने के लिए निवेश करना होगा।

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