वोडाफोन और एयरटेल की चीन के साथ कनेक्शन को लेकर हो सकती है जांच
मुंबई- केंद्र सरकार देश की सुरक्षा से बिल्कुल भी समझौता करने के मूड में नहीं है। यही वजह है कि भारतीय टेलिकॉम सेक्टर के 5G इन्फ्रॉस्ट्रक्चर में चीन की एंट्री बैन रही है। हालांकि इसके बावजूद सरकार चाहती है कि कहीं कोई कसर न रह जाएं। इसके लिए डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्यूनिकेशन यानी (DoT) ने Airtel और Vodafone Idea से नॉन-ट्रस्टेट सोर्सेस की जानकारी मांगी है। इससे एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया की मुसीबत बढ़ सकती है।
केंद्र सरकार ने मोबाइल नेटवर्क, टेलिकॉम की सिक्योरिटी के लिए नए नियम बनाए हैं, जिसके तहत टेलिकॉम कंपनियां केवल ट्रस्टेड सोर्स से नेटवर्क इक्विपमेंट खरीद सकते हैं, जिसे नेशनल साइबर सिक्योरिटी कॉर्डिनेटर ने ट्रस्टेड सोर्स कैटेगरी में डाला है। साधारण शब्दो में समझें, तो सरकार ने दो कैटेगरी बनाई है, एक नॉन-ट्रस्टेड सोर्स है, जिसमें चीन जैसे देश शामिल है। इन देशों की उपकरण को भारत सरकार संदेह की नजर से देखती है। वही दूसरे ट्रस्टेट सोर्स है, जिसमें यूएस, जापान, साउथ कोरिया, ताइवान जैसे देश शामिल हैं।
सरकार ने दिसंबर 2020 में टेलिकॉम सेक्टर के लिए नेशनल सिक्योरिटी डायरेक्टिव का ऐलान किया है। इसे देशभर में जून 2021 में लागू कर दिया गया है। ऐसे में भारतीय कंपनियां केवल ट्रस्टेट सोर्स से मोबाइल नेटवर्क उपकरण खरीद सकती हैं। ऐसा देश की सुरक्षा के मद्देनजर किया जा रहा है, जिससे चीन जैसे देश भारत में जासूसी की घटनाओं को अंजाम न दे सकें। बता दें कि चीन का भारत में जासूसी का पुराना इतिहास रहा है। यही वजह है कि भारत चीन को संदेह भरी नजरों से देखता है।
रिपोर्ट की मानें, तो DoT की ओर से एयरटेल और वोडाफोन-आइडियो को कई रिमाइंड भेजकर पूछा गया है कि आपने नेटवर्क सर्विस में चीनी कंपनियों जैसे Huawei और ZTE के इक्वीपमेंट्स इस्तेमाल किए हैं? अगर हां, तो उसकी जानकारी उपलब्ध कराई जाए। बता दें कि वोडाफोन-आइडिया और एयरटले में कई कंपनियों का विलय या अधिग्रहण हुआ है। ऐसे में दोनों कंपनियों के नॉन-ट्रस्टेड सोर्स की जानकारी उपलब्ध नहीं है।