एक साल में 2.43 लाख घट गईं नौकरियां, केवल 98 हजार लोगों को मिला काम
मुंबई-अच्छा मुनाफा कमाने के बाद भी शेयर बाजार में सूचीबद्ध बड़ी और मध्यम कंपनियों ने भर्तियों में कंजूसी दिखाई है। करीब 6,000 सूचीबद्ध कंपनियों में से 1,196 के आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 में केवल 90,800 लोगों को काम मिला है। इससे कुल पेशेवरों की संख्या 62.52 लाख हो गई है। 2022-23 में 3.34 लाख लोगों को काम मिला था और उस समय 61.61 लाख के पास रोजगार था। यानी इस दौरान 2.43 लाख नौकरियां घट गई हैं।
बैंक ऑफ बड़ौदा की बुधवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, 2022-23 में कर्मचारियों की भर्ती 1.5 फीसदी बढ़ी है। 2021-22 में 58.27 लाख लोग काम कर रहे थे। 2022-23 में इसमें 5.7 फीसदी वृद्धि हुई थी। हालांकि, कुल रोजगार में दिहाड़ी और ठेके वालों की संख्या नहीं है। यह आंकड़े केवल कंपनी के पेरोल पर काम करने वालों के हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, 1,196 कंपनियों की बिक्री 2023-24 में 99.36 लाख करोड़ रुपये रही है। जबकि 4,550 कंपनियों की बिक्री 121 लाख करोड़ रुपये रही है। भर्तियों में कमी का प्रमुख कारण यह है कि 2022-23 कोरोना महामारी के बाद का पहला वित्त वर्ष था। जिससे कारोबार में तेजी से भर्तियों में भी तेजी आई। 2023-24 में उस तरह की गतिविधियां नहीं रहीं और इससे भर्तियों पर असर देखा गया।
1,196 कंपनियों में से 700 कंपनियों ने कर्मचारियों की संख्या में बढ़ोतरी की है। 375 ने कमी की है। 121 कंपनियों ने कोई बदलाव नहीं किया है। आंकड़ों के मुताबिक, कुल रोजगार में लगभग 25% हिस्सा के साथ आईटी क्षेत्र पहले स्थान पर है। 22% के साथ बैंकिंग दूसरे स्थान पर है। कुल कर्मचारियों का 47 फीसदी हिस्सा इन्हीं दोनों के पास है। इसके बाद वित्त, हेल्थकेयर और ऑटो हैं।
वित्त वर्ष 2023-24 में इंडस्ट्री क्षेत्र ने रोजगार में दोहरे अंक की वृद्धि दर्ज की है। उच्चतम विकास दर के साथ खुदरा बिक्री और व्यापार नौकरियां पैदा करने मे सबसे आगे रहे हैं। जिन क्षेत्रों में नौकरियों में स्थिरता रही उनमें मीडिया एवं मनोरंजन, ऑटोमोबाइल, बीमा, कंज्यूमर ड्यूरेबल, हेल्थकेयर, कच्चे तेल और केमिकल रहे हैं। जिन क्षेत्रों से लोग निकाले गए उनमें कृषि, आईटी, ऊर्जा, टेक्सटाइल्स, लॉजिस्टिक और हॉस्पिटालिटी रहे हैं।