वित्त मंत्री बोलीं, आत्मनिर्भर बनने के लिए विनिर्माण क्षेत्र में तेजी की जरूरत
मुंबई- देश को वैश्विक मूल्य श्रृंखला में हिस्सा बढ़ाने व आत्मनिर्भर बनने के लिए विनिर्माण क्षेत्र में तेजी लाने की जरूरत है। कंफेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री यानी सीआईआई के एक कार्यक्रम में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, उत्पाद निर्माण और नीति समर्थन में अधिक विशेषज्ञता हासिल करने की जरूरत है।
सीतारमण ने कहा, कुछ अर्थशास्त्रियों के उस बयान को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि भारत को अब विनिर्माण पर ध्यान नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा, विनिर्माण में वृद्धि होनी चाहिए। भारत को नीतियों की मदद से वैश्विक मूल्य श्रृंखला में विनिर्माण हिस्सेदारी भी बढ़ानी चाहिए। उन्होंने उम्मीद जताई कि भारत के पास अब भी विनिर्माण क्षमता बढ़ाने का अवसर है, क्योंकि दुनिया कोरोना महामारी के बाद चीन प्लस वन रणनीति पर ध्यान दे रही है।
सीतारमण ने कहा, यूरोप और अमेरिका में वरिष्ठ अधिकारियों के लिए निवेश स्थलों की सूची में भारत शीर्ष पर है। यह सब चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहते हैं और अपनी विनिर्माण क्षमता का कुछ हिस्सा उभरते बाजारों में स्थानांतरित करना चाहते हैं। उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (पीएलआई) मोबाइल तथा इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्रों में भी बदलाव ला रही हैं।
वित्त मंत्री ने कहा, भारत पिछले साल 1.1 अरब डॉलर के निर्यात के साथ चीन के बाहर आईफोन के लिए एपल का दूसरा सबसे बड़ा विनिर्माण केंद्र बन गया। हम निजी क्षेत्र की एक बहुत बड़ी भूमिका देखते हैं। हम वृद्धि में उनके साथ साझेदारी करना चाहेंगे। सरकार एक सुविधाप्रदाता व समर्थक के रूप में काम करेगी।