पेटीएम पेमेंट्स संदिग्ध लेनदेन का पता लगाने में विफल, इसलिए लगा दंड
मुंबई- पेटीएम पेमेंट्स बैंकधन शोधन रोधक कानून यानी पीएमएलए के तहत संदिग्ध लेनदेन का पता लगाने और उसकी सूचना में विफल रहा। फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट ने आदेश में कहा, कंपनी अपनी भुगतान सेवा में उचित जांच प्रक्रिया का पालन नहीं किया। इसलिए उस पर 5.49 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया।
फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (एफआईयू) ने एक मार्च के आदेश में कहा कि बैंक के खिलाफ ये आरोप चार से अधिक की जांच के बाद पुष्ट किए गए थे। पेटीएम पेमेंट्स बैंक को 14 फरवरी, 2022 को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था। पेटीएम पेमेंट्स बैंक को रिजर्व बैंक ने 29 फरवरी से ग्राहकों से नई जमा स्वीकार करना बंद करने का आदेश दिया था। इस समयसीमा को बाद में बढ़ाकर 15 मार्च कर दिया गया।
पेटीएम पेमेंट्स के खिलाफ कार्यवाही 2020 में प्रवर्तन एजेंसियों की ओर से यह बात पता लगाने के बाद शुरू हुई थी कि विदेश से जुड़े व्यक्तियों के गठजोड़ के तहत कई व्यवसायों की ओर से व्यापक अवैध गतिविधियां की गईं। हैदराबाद पुलिस की साइबर अपराध शाखा ने तेलंगाना राज्य जुआ अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कराया। एफआईयू ने कहा कि जांच के दौरान उसे ऐसी रिपोर्ट मिलीं, जिनमें कहा गया था कि इन संस्थाओं ने जुआ, डेटिंग और स्ट्रीमिंग सेवाओं के जरिये लाखों भारतीयों को धोखा दिया, जो गैरकानूनी है।