जी इंटरटेनमेंट ने कहा था इन्वेस्को कर रही अत्याचार, सोनी से टूटी 9 अरब डॉलर की डील
मुंबई- जी के साथ सोनी ने अपना सौदा कैंसिल कर दिया है। दिसंबर 2021 में इन दोनों कंपनियों ने इसके लिए एग्रीमेंट साइन किया था। अगर ये मर्जर हो जाता तो जी+सोनी 24% से ज्यादा की व्यूअरशिप के साथ देश का सबसे बड़ा एंटरटेनमेंट नेटवर्क बनता।
हालांकि यह वही जी इंटरटेनमेंट है जिसने 2021 में इन्वेस्को के साथ झगड़ा किया था और आनन फानन में सोनी के आंगन में भीख मांगने चला गया था। तब इन्वेस्को का जी में 4,700 करोड़ का निवेश था। इन्वेस्को ने इसके बदले में कहा था कि उसे बोर्ड में सीट चाहिए ताकि कंपनी के अंदर कारपोरेट गवर्नेंस का पालन हो सके। लेकिन तब जी ने यह आरोप लगाया कि विदेशी कंपनी उस पर अत्याचार कर रही है। पर अब सोनी के साथ भी उसकी डील टूट गई है।
सोनी ने मर्जर खत्म करने के लिए जी को 22 जनवरी को डील कैंसिल करने का लेटर भेजा है। जी पर शर्तों के कथित उल्लंघन का आरोप लगाते हुए करीब 748 करोड़ रुपए की टर्मिनेशन फीस भी मांगी हैं। जी ने लेटर मिलने के बाद बोर्ड मीटिंग की है। बोर्ड सभी उपलब्ध विकल्पों पर विचार कर रहा है। सोनी के दावों को खारिज करते हुए जी ने सोनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का भी संकेत दिया। वहीं जी के MD पुनीत गोयनका ने डील कैंसिल होने को प्रभु का संकेत बताया।
2021 में जब एग्रीमेंट साइन किया गया था, तब यह तय हुआ था कि पुनीत गोयनका मर्जर के बाद बनी नई कंपनी को लीड करेंगे। पुनीत गोयनका जी ग्रुप के फाउंडर सुभाष च्रंदा के बेटे और जी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर हैं।
हालांकि, बाद में सेबी की जांच के कारण सोनी ने गोयनका को CEO बनाने से मना कर दिया। सोनी अपने भारत के मैनेजिंग डायरेक्टर और CEO एनपी सिंह को नई कंपनी का CEO बनाने की वकालत कर रहा था।
सोनी की ओर से इस मामले को लेकर बयान जारी करते हुए कहा गया है कि हम 21 जनवरी की समय सीमा तक मर्जर पर सहमत नहीं हो सके। 2 साल तक चले मोलभाव के बाद विलय नहीं होने से हम बेहद निराश हैं। हम इस तेजी से बढ़ने वाले मार्केट में अपनी उपस्थिति बढ़ाने और दर्शकों को वर्ल्ड क्लास एंटरटेनमेंट देने के लिए कमिटेड हैं।
जी के MD और CEO पुनीत गोयनका ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म X पर लिखा, ‘जैसे ही मैं प्राण प्रतिष्ठा के शुभ अवसर के लिए आज सुबह-सुबह अयोध्या पहुंचा, मुझे एक मैसेज मिला कि जिस डील पर काम करने में मैंने 2 साल बिताए हैं, वह मेरे सभी प्रयासों के बावजूद फेल हो गई। मेरा मानना है कि यह प्रभु का संकेत है।
सोनी भारत में अपने बिजनेस को बहुत ज्यादा बढ़ा नहीं पा रही थी, वहीं जी पर कर्ज का बोझ था। जी पर कर्ज का बोझ इसलिए था क्योंकि, उसपर लंबे समय से एस्सेल ग्रुप का कंट्रोल था और एस्सेल पर करीब 20,000 करोड़ रुपए का कर्ज था।
इन्हीं कारणों से इन दोनों कंपनियों ने मर्जर का फैसला लिया था। इस मर्जर से दोनों कंपनियों को बड़ा और डायवर्स ऑडियंस बेस मिलता। सोनी ने भारत में 1995 में अपना पहला टीवी चैनल लॉन्च किया था। वहीं जी ने अपना पहला चैनल 1992 में लॉन्च किया था।
2021 में जी ने जापान के सोनी कॉर्प की सहायक कंपनी सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया (अब कल्वर मैक्स एंटरटेनमेंट लिमिटेड) के साथ मर्जर की घोषणा की थी, लेकिन क्रेडिटर्स की आपत्तियों सहित अन्य कारणों से ये विलय पूरा नहीं पाया है। इस मर्जर से 10 बिलियन डॉलर (करीब 83 हजार करोड़ रुपए) की कंपनी बनती।