एशिया और मध्य पूर्व देशों में हवाई किराया बढ़ने के मामले में भारत शीर्ष पर
मुंबई- कोरोना के बाद से भले ही एयरपोर्ट के शुल्क स्थिर हैं, लेकिन इसी दौरान एशिया और मध्य पूर्व देशों में हवाई किराया बढ़ाने के मामले में भारत शीर्ष पर रहा है। एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल एशिया-पैसिफिक के एक अध्ययन में पता चला है कि भारत में हवाई किराया 41 फीसदी बढ़ा है। संयुक्त अरब अमीरात में 34 फीसदी, सिंगापुर में 30 प्रतिशत और ऑस्ट्रेलिया में 23 फीसदी किराया बढ़ा है।
अध्ययन में पाया गया कि 2023 की पहली तिमाही में भारत, इंडोनेशिया, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया और जापान सहित कई बाजारों में घरेलू हवाई किराए में वृद्धि जारी रही है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर किराये में मामूली कमी आई है। एसीआई एशिया-पैसिफिक का तर्क है कि एयरलाइंस कम प्रतिस्पर्धा और महामारी के दौरान हुए मुनाफे को बढ़ाने और नुकसान की भरपाई के लिए दबी हुई मांग को भुना रही हैं।
अध्ययन के मुताबिक, हवाईअड्डे भारी परिचालन और पूंजीगत खर्च के बावजूद यात्रियों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। हवाईअड्डों ने लैंडिंग, पार्किंग और यात्री शुल्क सहित हवाईअड्डे के शुल्क को या तो स्थिर रखा है या कम कर दिया है।
एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल के एशिया-पैसिफिक के महानिदेशक स्टेफानो बारोनसी ने कहा, आपूर्ति और मांग के असंतुलन का लाभ एयरलाइनों को नहीं उठाना चाहिए। सरकारों को खुले आसमान जैसी नीतियों के माध्यम से बाजारों को उदार बनाने पर विचार करना चाहिए। इससे हवाई किराये को नियंत्रण में रखते हुए प्रतिस्पर्धा होती रहेगी। हालांकि, 2019 की तुलना में 2022 में ईंधन की कीमतें 76 प्रतिशत बढ़ीं। इसी अवधि में खुदरा महंगाई में वृद्धि के कारण एयरलाइनों की लागत में वृद्धि हुई।
भारतीय विमानन नियामक डीजीसीए ने भारतीय एयरलाइंसों के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उड़ान शुरू करने के नियमों को आसान बनाया है। इसने कहा है कि पहले के 33 पाइंट के चेकलिस्ट को घटाकर अब केवल 10 पॉइंट का चेकलिस्ट कर दिया गया है।