सरकारी बैंकों का रिकॉर्ड 28,719 करोड़ रुपये फायदा, एनपीए 4 पर्सेंट से नीचे 

मुंबई- बुरे फंसे कर्जों (एनपीए) की बैलेंसशीट कम होने, उधारी की मांग में तेजी आने से सरकारी बैंकों ने तीसरी तिमाही में जमकर मुनाफा कमाया है। अक्तूबर से दिसंबर की तिमाही के बीच 11 सरकारी बैंकों ने 28,719 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है। इंडियन ओवरसीज का अभी परिणाम नहीं आया है। पूरे मुनाफे में देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने 50 फीसदी यानी 14,205 करोड़ रुपये का लाभ कमाया है।  

दरअसल, सरकार ने इन बैंकों की बैलेंसशीट साफ कर दी है और साथ ही पिछले कई सालों से लगातार इनमें पूंजी डाल रही है। इसके अलावा 2021 और 2022 में कर्ज की मांग 17 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है। इसे पूरा करने के लिए बैंक अब जमा पर भारी भरकम ब्याज बढ़ा कर 8 फीसदी तक कर दिए हैं।  

आंकड़े बताते हैं कि सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया ने 458 करोड़ मुनाफा कमाया है जो एक साल पहले इसी अवधि में 278 करोड़ था। बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने 325 करोड़ की तुलना में 775 करोड़, इंडियन बैंक ने 690 करोड़ की तुलना में 1,396 करोड़ और पंजाब एंड सिंध बैंक ने 301 करोड़ की तुलना में 373 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया है।  

यूको बैंक ने 310 करोड़ के मुकाबले 653 करोड़ रुपये कमाया है। 20 साल में पहली बार किसी एक तिमाही में इसने इतना लाभ हासिल किया है। एकमात्र पंजाब नेशनल बैंक रहा है, जिसके मुनाफे में इस दौरान गिरावट आई है। इसका लाभ 1,127 करोड़ से घटकर 629 करोड़ रुपये रह गया है। इसी दौरान इन बैंकों का एनपीए भी 4 फीसदी से नीचे पहुंच गया है। 

एनपीए की बात करें तो पंजाब एंड सिंध का शुद्ध एनपीए 2.20 फीसदी, पीएनबी का 3.30 फीसदी, यूको बैंक का 1.66 फीसदी, बैंक ऑफ महाराष्ट्र का 0.47 फीसदी और सेंट्रल बैंक का 2.09 फीसदी रहा है।  

कुल 12 सरकारी बैंकों ने 2020-21 में 31,820 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया था जबकि चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में इन्होंने 25,685 करोड़ का मुनाफा कमाया था। इसमें भी आधा यानी 13,256 करोड़ रुपये एसबीआई ने अकेले कमाया था। हालांकि, 2021-22 के पूरे साल में इनका कुल फायदा 66,500 करोड़ रुपये था।  

2015-16 से लेकर 2019-20 तक के बीच इन बैंकों ने लगातार पांच साल तक घाटा दिया था। 2017-18 में सबसे अधिक 85,370 करोड़ रुपये का घाटा था जबकि 2018-19 में 66,636 करोड़ का घाटा था। 2009-10 से 2014-15 तक यह सरकारी बैंक फायदे में थे। वित्त वर्ष 2018 में कुल 21 सरकारी बैंक में से केवल 2 बैंक लाभ कमाए थे। बाद में इन सबको मिलाकर केवल 12 बैंक बना दिया गया।  

पांच बड़े बैंकों का तीसरी तिमाही में हाल 

बैंक फायदा शुद्ध एनपीए उधारी वृद्धि कुल जमा 
यूनियन बैंक 2,245 2.14 20.09 10.65 
एसबीआई 14,205 0.77 9.51 42.13 
बैंक ऑफ बड़ौदा 3,853 0.99 16.2 10.30 
बैंक ऑफ इंडिया 1,151 1.61 16.08 6.50 
केनरा बैंक 2,981 1.96 14.11 11.63 
(फायदा करोड़ रुपये में, एनपीए और उधारी फीसदी में, जमा लाख करोड़ रुपये में)

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