आईएमएफ का अनुमान, 6 फीसदी की दर से बढ़ेगी भारतीय अर्थव्यवस्था,
मुंबई- अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने अनुमान जताया है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 6 फीसदी की दर से बढ़ सकती है। अनुमान के मुताबिक, वित्तीय क्षेत्र में उथल-पुथल, महंगाई के दबाव, रूस-यूक्रेन युद्ध के प्रभाव और पिछले तीन वर्षों में कोविड-19 महामारी के जैसी महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करने के बावजूद भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था होगी।
उच्च ब्याज दरों के कारण आर्थिक गतिविधियों में कमी से आईएमएफ ने अपने वैश्विक वृद्धि के अनुमान में सुधार किया है। इसने चेतावनी दी कि वित्तीय प्रणाली की उथल-पुथल में तेज वृद्धि से उत्पादन मंदी के स्तर के करीब पहुंच सकता है।
आईएमएफ के अनुसार, चालू वर्ष में भारत में महंगाई दर 4.9 फीसदी तक और अगले वित्त वर्ष में 4.4 फीसदी तक कम हो जाएगी। रिपोर्ट में वैश्विक विकास दर 2023 में 2.8 फीसदी के निचले स्तर पर पहुंचने का अनुमान है, हालांकि यह 2024 में 3 फीसदी तक बढ़ सकता है।
आईएमएफ की प्रबंध निदेशक क्रिस्टालिना जॉर्जीवा ने कोविड-19 से पैदा चुनौतियों से निपटने के लिए डिजिटलीकरण का लाभ उठाने में भारत के प्रयासों की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा, भारत ने न केवल तूफान से निपटने में मदद की है बल्कि विकास और रोजगार के नए अवसर भी पैदा किए हैं। 2023 में वैश्विक विकास में भारत का योगदान 15 फीसदी रहने की भी उम्मीद जताई गई है।
वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि में भारत की हिस्सेदारी 2028 तक फ्रांस और ब्रिटेन को पार करने की उम्मीद है। इससे भारत वैश्विक आर्थिक विकास को चलाने में एक प्रमुख देश बन जाएगा। वैश्विक विकास में 75 फीसदी योगदान देने वाले 20 देशों के साथ, चीन, अमेरिका और इंडोनेशिया के साथ भारत शीर्ष योगदानकर्ताओं में बना हुआ है, जिसने एक प्रमुख आर्थिक शक्ति के रूप में अपनी स्थिति को और मजबूत किया है।
जार्जीवा ने कहा, भारत ने बजट ने महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर पूंजीगत खर्च में वृद्धि की है। इससे लंबे समय के विकास के लिए एक मजबूत आधार तैयार होगा और भारत को सतत विकास हासिल करने में मदद करेगी। उन्होंने स्वच्छ और नवीकरणीय ऊर्जा सहित हरित अर्थव्यवस्था में भारत के बढ़ते निवेश की भी सराहना की। इस राजकोषीय जिम्मेदारी को भारत के सार्वजनिक वित्त को सहारा देने वाले एक मध्यम अवधि के ढांचे में बदलने की उम्मीद है।
भारत के लिए आईएमएफ विकास अनुमान भारतीय रिजर्व बैंक के अनुमान से कम है। चालू वर्ष में आरबीआई ने 6.4 फीसदी के विकास का अनुमान लगाया है। आईएमएफ के एशिया और प्रशांत विभाग के उप निदेशक ऐनी-मैरी गुल्डे-वुल्फ ने कहा कि दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक के रूप में अपनी स्थिति को बनाए रखते हुए भारतीय अर्थव्यवस्था के अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना है।