मूडीज ने भारत की जीडीपी के अनुमान में की 0.70 फीसदी की कटौती
मुंबई- वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज ने 2022 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के अनुमान को 0.70 फीसदी घटाकर 7 फीसदी कर दिया है। वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुस्ती और ब्याज दरें बढ़ने की वजह से इसने अनुमान में कटौती की है। यह दूसरी बार है जब मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने देश की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान में कटौती की है। इससे पहले मई में इसने 8.8 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया था जिसे सितंबर में घटाकर 7.7 फीसदी कर दिया था।
एजेंसी ने 2023 में 4.8 फीसदी वृद्धि का अनुमान जताया है जबकि 2024 में 6.4 फीसदी रहने की उम्मीद जताई है। 2021 के कैलेंडर साल में देश की अर्थव्यवस्था 8.5 फीसदी की दर से बढ़ी थी। 2022-23 के अप्रैल-जून मे 13.5 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई थी जबकि जनवरी मार्च में यह 4.10 फीसदी थी। सिंतबर तिमाही का आंकड़ा इस महीने के अंत में जारी किया जाएगा।
एजेंसी ने कहा कि डॉलर की तुलना में रुपये में कमजोरी और तेल की ऊंची कीमतें महंगाई को ऊपर बनाए रखने में मदद करेंगी, जो पिछले 10 महीने से आरबीआई के तय दायरे 2-6 फीसदी से ऊपर है। खुदरा महंगाई सितंबर में 7.41 फीसदी रही थी जबकि थोक महंगाई लगातार 18वें महीने 10 फीसदी से ज्यादा रही थी। इसे कम करने के लिए मई से अब तक आरबीआई रेपो दर को 1.90 फीसदी बढ़ाकर 5.90 फीसदी कर दिया है। एजेंसी ने अनुमान लगाया है कि महंगाई को कम करने के लिए आरबीआई अभी 0.50 फीसदी की और वृद्धि कर सकता है।
इससे पहले विश्व बैंक ने भी अपने अनुमान को 7.5 फीसदी से घटाकर 6.5 फीसदी, एशियन डेवलपमेंट बैंक ने 7.5 से घटाकर 7 फीसदी, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 7.4 से घटाकर 6.8 फीसदी और एसएंडपी ने 8.7 से घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया था।
मूडीज ने कहा कि अगर सरकार और केंद्रीय बैंक वर्तमान चुनौतियों से निपटने में विफल रहते हैं तो 2023 और 2024 में पूरी दुनिया की जीडीपी की वृद्धि दर घट सकती है। इसने समूह-20 देशों की जीडीपी की वृद्धि का अनुमान 2023 में 1.3 फीसदी जताया है। पहले यह अनुमान 2.1 फीसदी का था।